मणिपुर के इंफाल में एक जगह है कोरेंगेई। यहीं पर एक मणिपुर का बहुत पुराना स्कूल है मारिया मांटेसरी स्कूल। करीब 70 दिनों की हिंसा के बाद जब स्कूलों के खोलने के आदेश हुए थे, तो इस स्कूल के शिक्षकों को उम्मीद थी कि शायद बच्चे पढ़ने आना शुरू करेंगे। लेकिन इस स्कूल के शिक्षकों के लिए स्कूल खुलना एक बहुत बड़े सदमे की तरह था।
क्योंकि स्कूल खुलने के साथ ही यहां पर बच्चे तो नहीं आए, बल्कि बच्चों के परिजन जरूर पहुंचने लगे। वजह सिर्फ यही थी कि वह अपने बच्चों को अब स्कूलों में पढ़ाना नहीं चाहते थे और स्कूल से नाम कटवाने के साथ टीसी लेने पहुंच रहे थे। इस स्कूल में अब तक सौ से ज्यादा बच्चों की टीसी कट चुकी है। ऐसे हालात सिर्फ मणिपुर के एक स्कूल में नहीं बल्कि दर्जनों स्कूलों में है, जहां पर हिंसा के बाद बच्चों के नाम कटवाए जा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक मणिपुर के स्कूलों से सैकड़ों की संख्या में बच्चों ने अपने नाम कटवा लिए हैं। उनमें से कई बच्चों के परिजन या तो मणिपुर से निकलकर आसपास के राज्यों में पहुंच गए या कुछ लोग अब उस हालात सुधरने की उम्मीद में बैठे हैं कि सब सामान्य होने पर बच्चों को स्कूल भेजा जाएगा।