ताजा हलचल

भारत को पीएम मोदी के यूएई दौरे से क्या मिला! जानें 10 बड़ी बातें

Advertisement

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (15 जुलाई) को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की एक दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान प्रेसिडेंट भवन ‘कसर अल वतन’ में मुलाकात की. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने सहित कई मुद्दों पर चर्चा की. पीएम मोदी के यूएई दौरे से क्या उम्मीद है? क्या समझौते हुए? यूएई और भारत एक दूसरे के लिए अहम क्यों है?

बड़ी बातें-

1. पीएम ने शनिवार को यूएई के प्रेसिडेंट शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान के साथ दोनों देशों के बहुआयामी संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए व्यापक बातचीत की. पीएम मोदी ने घोषणा की कि दोनों देश अपनी मुद्राओं में व्यापार शुरू करने पर सहमत हुए हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों की मुद्राओं में व्यापार के लिए शनिवार को हस्ताक्षरित समझौता दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक सहयोग और आपसी विश्वास को दर्शाता है. दोनों देशों की मुद्राओं में व्यापार पर यूएई के साथ समझौते से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा. इसको लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई ने एमओयू पर साइन किए.

2. पीएम मोदी ने यूएई के राष्ट्रपति अल नाह्यान से मुलाकात के बाद कहा कि पिछले साल व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर के बाद से भारत-यूएई व्यापार में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों में कुल व्यापार लगभग 85 अरब अमेरिकी डॉलर है. हम जल्द ही 100 अरब अमेरिकी डॉलर के लक्ष्य को पूरा करेंगे.

3. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली अबू धाबी में कैंपस खोलेगा. पीएम मोदी की मौजूदगी में शिक्षा मंत्रालय और अबू धाबी के शिक्षा एवं ज्ञान विभाग के साथ इस उद्देश्य से समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गए. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह जानकारी देते हुए ट्वीट किया, ‘‘ आईआईटी दिल्ली का अबू धाबी परिसर पारस्परिक समृद्धि और वैश्विक भलाई के लिए ज्ञान की ताकत का लाभ उठाने का खाका तैयार करेगा. ’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में आईआईटी दिल्ली के अबू धाबी परिसर स्थापित करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर से भारतीय शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण का एक नया अध्याय शुरू होगा.


4. शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईआईटी दिल्ली के अबू धाबी परिसर में जनवरी 2024 से स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (पोस्ट ग्रेजुएट) और अगले साल सितंबर से स्नातक पाठ्यक्रमों (ग्रेजुएशन) की शुरुआत की जायेगी. इसके तहत अकादिमक कार्यक्रम, पाठ्यक्रम आदि आईआईटी दिल्ली से उपलब्ध करायी जायेगी. डिग्री आईआईटी दिल्ली प्रदान करेगी. मंत्रालय के अनुसार, दोनों देशों का इससे काफी लाभ होगा. हाल में आईआईटी मद्रास ने जंजीबार-तंजानिया में अपना परिसर स्थापित करने की घोषणा की थी. यह देश से बाहर स्थापित होने वाला किसी आईआईटी का पहला परिसर होगा.

5. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पीएम मोदी ने यूएई की यात्रा पर रवाना होने से पहले गुरुवार (13 जुलाई) को एक बयान में कहा था कि दोनों देश व्यापार, निवेश, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, फिनटेक, रक्षा, सुरक्षा और लोगों के बीच परस्पर मजबूत संबंधों जैसे व्यापक क्षेत्रों में सक्रिय हैं. यूएई की यात्रा के दौरान पीएम मोदी यहां के शीर्ष नेतृत्व के साथ खासतौर पर ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा एवं रक्षा जैसे मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं. इस दौरान दोनों रणनीतिक साझेदार देश एक ऐतिहासिक व्यापार समझौते पर हुई प्रगति की समीक्षा भी करेंगे.

6. यूएई में भारत के राजदूत संजय सुधीर ने कहा कि इस रिश्ते की खूबसूरती यह है कि हमारे नेता नियमित रूप से संपर्क में रहे हैं, यहां तक कि कोविड के दौरान भी वे ऑनलाइन माध्यम से एक-दूसरे के साथ जुड़े रहे थे. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक जुड़ाव को नयी ऊर्जा देने वाले व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता(सीईपीए) पर भी कोविड-19 महामारी के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे. सुधीर ने कहा, ‘‘केवल एक वर्ष में, हमारा व्यापार 19 प्रतिशत बढ़ गया है. अब कुल व्यापार लगभग 85 अरब अमेरिकी डॉलर है. शुरुआती लक्ष्य पांच साल में 100 अरब अमेरिकी डॉलर का था.

7. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारत, यूएई का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. द्विपक्षीय व्यापार 84 अरब डॉलर से अधिक का है. वहीं, यूएई, भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य स्थल है. यूएई 2022-23 में भारत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का चौथा सबसे बड़ा स्रोत था. वह भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी एक अहम साझेदार है. यूएई, भारत के लिए कच्चे तेल का तीसरा और एलएनजी एवं एलपीजी का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है.

8. पीटीआई के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात में प्रवासी भारतीय समुदाय सबसे बड़ा जातीय समुदाय है और देश की कुल आबादी में उसकी तकरीबन 30 फीसदी हिस्सेदारी है. संयुक्त अरब अमीरात के रिकॉर्ड के अनुसार, 2021 में देश में प्रवासी भारतीय नागरिकों की संख्या लगभग 35 लाख थी. भारतीय सिनेमा और योग यूएई में काफी लोकप्रिय है.

9. पीएम मोदी 2015 के बाद से खाड़ी देश की अपनी पांचवीं यात्रा के दौरान यूएई के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान से वार्ता की. उन्होंने इससे पहले 2015, 2018, 2019 और 2022 में अरब देश की यात्रा की थी.

10. एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, भारत-यूएई की साझेदारी पहले पारंपरिक वस्तुओं के बिजनेस को लेकर शुरू हुई थी. इसके बाद दोनों देशों के बीच पार्टनरशिप तेल को लेकर मजबूत हुई. साल 1971 में यूएई फेडरेशन के निर्माण के बाद इसमें तेजी आई. फिर 1990 के दशक में भारत के आर्थिक सुधार अपनाने पर दोनों देश के बीच रिश्ते मजबूत हुए.

Exit mobile version