प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी सांसद राहुल गांधी को तलब किया है. 8 जून को उनसे पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा राहुल गांधी को 2 जून को बुलाया गया है, लेकिन उन्होंने पेश होने के लिए वक्त दिए जाने की मांग की गई है. लेकिन क्या है ये नेशनल हेराल्ड मामला?
सीधे शब्दों में कहें तो नेशनल हेराल्ड मामला एक इक्विटी लेनदेन से संबंधित है जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी पर एसोसिएटेड जर्नल्स की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का कथित रूप से केवल 50 लाख रुपये का भुगतान करके हेराफेरी करने का आरोप है.
नेशनल हेराल्ड मामले में तीन प्रमुख ‘नाम’ शामिल हैं – एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड, यंग इंडिया लिमिटेड और कांग्रेस.
2012 में, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक निचली अदालत के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया कि यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के अधिग्रहण में कुछ कांग्रेस नेता धोखाधड़ी और विश्वासघात में शामिल थे. उन्होंने आरोप लगाया कि YIL ने नेशनल हेराल्ड की संपत्ति को ‘दुर्भावनापूर्ण’ तरीके से ‘हड़प’ लिया था.
क्या है नेशनल हेराल्ड?
नेशनल हेराल्ड 1938 में अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ-साथ जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित एक समाचार पत्र था. इसका उद्देश्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में लिबरल ब्रिगेड की चिंताओं को आवाज देना था. एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित, यह अखबार आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी का मुखपत्र बन गया. एजेएल ने दो अन्य समाचार पत्र भी प्रकाशित किए, एक हिंदी और एक उर्दू में। 2008 में, पेपर 90 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज के साथ बंद हो गया.