उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन ने यहां जिला कारागार में आसाराम के ‘महिमामंडन’ के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाने के आरोपों में बुधवार को जांच के आदेश दिए हैं। आसाराम को वर्ष 2013 में जोधपुर के निकट आश्रम में शाहजहांपुर की युवती से दुष्कर्म के मामले में अप्रैल 2018 में सजा सुनाई गई थी। वह तब से जेल में है।
दुष्कर्म पीड़िता के पिता ने स्वयंभू संत आसाराम के दो अनुयायियों द्वारा लखनऊ से यहां जिला कारागर में आकर कंबल वितरित करने और सत्संग आयोजित करने की खबरों के सामने आने के बाद जांच की मांग की थी। आरोप है कि सत्संग के दौरान आश्रम का एक चित्र भी रखा गया था।
उत्तर प्रदेश के अपर महानिरीक्षक (जेल) शरद कुलश्रेष्ठ ने बुधवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि बरेली जोन के उपमहानिरीक्षक को मामले की जांच सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि अभी कुछ भी कहना उचित नहीं होगा, जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, शाहजहांपुर के जिला अधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि खबरों का संज्ञान लेते हुए इस मामले में जेल प्रशासन को एक नोटिस भेजा गया है। उन्होंने कहा कि जवाब मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
आसाराम को वर्ष 2013 में जोधपुर के निकट आश्रम में शाहजहांपुर की युवती से दुष्कर्म के मामले में अप्रैल 2018 में सजा सुनाई गई थी। जोधपुर पुलिस ने आसाराम को 31 अगस्त को गिरफ्तार किया था और वह तभी से जेल में हैं। युवती के पिता ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि ‘सत्संग’ के दौरान आसाराम का ‘महिमामंडन’ किया गया।
पीड़िता के पिता ने कहा कि वह अधिवक्ताओं से बात कर रहे हैं और इस पूरे मामले में वह जोधपुर उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय भी जाएंगे।