बता दे कि ग्रीन हाइड्रोजन अक्षय ऊर्जा (जैसे सौर, पवन) का उपयोग करके जल के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा निर्मित होता है और इसमें कार्बन फुटप्रिंट कम होता है, ब्राउन हाइड्रोजन का उत्पादन कोयले का उपयोग करके किया जाता है. जहां उत्सर्जन को वायुमंडल में निष्कासित किया जाता है. आपको बता दें कि भारत पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल, ओएनजीसी और एनटीपीसी जैसी भारत की बड़ी कंपनियों ने इस दिशा में काम करना शुरू दिया है. आने वाले दिनों में देश में ग्रीन हाइड्रोजन से वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी आएगी. इससे वायु प्रदूषण में भी राहत मिलेगी. आइए अब आपको बताते हैं ग्रीन हाइड्रोजन क्या है.
जब पानी से बिजली गुजारी जाती है तो हाइड्रोजन पैदा होती है. इस हाइड्रोजन का इस्तेमाल बहुत सारी चीजों को पावर देने में होता है. अगर हाइड्रोजन बनाने में इस्तेमाल होने वाली बिजली किसी रिन्यूएबल सोर्स से आती है, मतलब ऐसे सोर्स से आती है जिसमें बिजली बनाने में प्रदूषण नहीं होता है तो इस तरह बनी हाइड्रोजन को ग्रीन हाइड्रोजन कहा जाता है. बता दें कि इसी महीने 16 मार्च को देश में ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाली देश की पहली कार टोयोटा मिराई (Toyota Mirai ) को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लॉन्च किया था. इस कार को टोयोटा और किर्लोस्कर ने मिलकर तैयार किया है.