मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने फिर दोहराया कि केंद्रीय कृषि कानून किसानों के हित में हैं। केवल विरोध की राजनीति करने की मानसिकता वाले विपक्षी दल ही किसानों को भरमाने का काम कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की सबसे बड़ी हितैषी है।
किसानों के हित में शुरू से मांग की जाती रही है कि स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए। इस कमेटी ने सिफारिश की थी कि एमएसपी को डेढ़ गुना किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार ने हालिया कुछ वक्त में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए अहम फैसले लिए हैं।
उन पर तेजी से काम हो रहा है और असर भी साफ दिखने लगा है। अब कृषि कानूनों की बदौलत किसानों के अधिकार और बढ़े हैं। उत्तराखंड के किसान दिल्ली के तथाकथित आंदोलन के साथ नहीं हैं।
जो सही मायने में किसान है, वो महसूस करता है कि केंद्रीय कानून उनके हित में हैं। उत्तराखंड के किसान सरकार के साथ हैं। केवल थोड़ा बहुत प्रदर्शन यूएसनगर में हुआ है, बाकी पूरे प्रदेश में कांग्रेस और उसकी मानसिकता वाले दल ही विरोध-प्रदर्शन करते नजर आए हैं।
उत्तराखंड ने भी किसानों के हित में कई अहम फैसले लिए हैं। गन्ना किसानों का बकाया भुगतान पेराई सत्र से दो महीना पहले ही कर दिया गया है। धान मूल्य का भुगतान भी लगातार दिया जा रहा है। दूध मूल्य भी उत्तराखंड ज्यादा अदा करता है।