पश्चिम बंगाल में एक बड़े सिम कार्ड घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें चुराए गए KYC और बायोमेट्रिक्स का उपयोग करके 10,000 से अधिक प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड जारी किए गए थे। पुलिस जांच में इस घोटाले के दक्षिण-पूर्व एशिया, विशेषकर पाकिस्तान और चीन से संबंध होने का संकेत मिला है।
कोलकाता के केस्टोपुर क्षेत्र की गृहिणी देबलीना चक्रवर्ती को पुलिस ने गिरफ्तार किया, जो कथित रूप से राज्य की सबसे बड़ी फर्जी सिम कार्ड विक्रेता थी। उसके पास से 2,200 सिम कार्ड, बायोमेट्रिक मशीनें और मोबाइल फोन बरामद हुए। देबलीना ने स्लम क्षेत्रों में POS काउंटर स्थापित करके अवैध रूप से बायोमेट्रिक डेटा एकत्र किया और साइबर अपराधियों को सक्रिय सिम कार्ड प्रदान किए।
पुलिस ने बताया कि ये सिम कार्ड भारत के विभिन्न हिस्सों में साइबर अपराधों के लिए उपयोग किए गए थे, जिनमें पाकिस्तान और चीन से संबंध रखने वाले गिरोह शामिल थे। इस मामले में कई गिरफ्तारियां की गई हैं, और जांच जारी है।
यह घोटाला भारत में साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे को उजागर करता है, जहां फर्जी सिम कार्ड और अवैध KYC प्रक्रियाओं का उपयोग करके अपराधियों द्वारा डिजिटल धोखाधड़ी की जा रही है।