पश्चिम बंगाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के चुनाव लड़ने और न लड़ने पर बना संशय आज खत्म हो गया. दिलीप घोष ने आज साफ कर दिया कि वह इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. हालांकि इससे पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि दिलीप घोष को मिदनापुर में किसी सीट से खड़ा किया जा सकता है.
हालांकि, चुनाव शुरू होने से पहले बीजेपी ने तय किया था कि दिलीप घोष चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से ही अटकलें लगनी शुरू हुई कि दिलीप घोष को मिदनापुर से खड़ा किया जा सकता है. इसके बाद जब बीजेपी ने अपनी दूसरी लिस्ट में बाबुल सुप्रियो, लॉकेट चटर्जी, स्वपन दासगुप्ता और निशीथ प्रमाणिक को उतारा फिर चर्चा तेज हो गई.
इसी बीच कोलकाता समेत कई जिलों में बीजेपी की अंतर्कलह सामने आने लगी. टीएमसी से बीजेपी में आए नेताओं के खिलाफ पुराने बीजेपी कार्यकर्ताओं ने खुलकर असंतोष जाहिर करना शुरू किया. इसके अलावा हाल के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के अलावा अगर किसी की सभा में भीड़ हो रही है तो वह दिलीप घोष हैं.
पार्टी का मानना है कि दिलीप घोष समूचे बंगाल में सभाएं कर भीड़ खींचने में सक्षम हैं. ऐसे में दिलीप घोष को बंगाल चुनाव में स्टार प्रचारक के तौर पर ही बीजेपी इस्तेमाल करना चाहती है. पार्टी का मानना है कि दिलीप घोष को अगर चुनाव लड़वाया जायेगा तो उन्हें बाकी बंगाल में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.