उत्‍तराखंड

वसीम जाफर ने आरोपों को किया खारिज, बोले- मैंने नहीं बुलाये कोई भी मौलवी

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वसीम जाफर

उत्तराखंड क्रिकेट संघ से मतभेदों के कारण कोच के पद से इस्तीफा देने वाले भारत के पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर ने प्रदेश संघ के सचिव के इन आरोपों को खारिज किया कि उन्होंने टीम में मजहब के आधार पर चयन की कोशिश की.

भारत के लिए 31 टेस्ट खेल चुके जाफर ने कहा कि टीम में मुस्लिम खिलाड़ियों को तरजीह देने के उत्तराखंड क्रिकेट संघ के सचिव महिम वर्मा के आरोपों से उन्हें काफी तकलीफ पहुंची है. जाफर ने चयन में दखल और चयनकर्ताओं तथा संघ के सचिव के पक्षपातपूर्ण रवैये को लेकर मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था.

जाफर ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘जो कम्युनल एंगल लगाया, वह बहुत दुखद है. उन्होंने आरोप लगाया कि मैं इकबाल अब्दुल्ला का समर्थन करता हूं और उसे कप्तान बनाना चाहता था जो सरासर गलत है.’

उन्होंने कहा, ‘मैं जय बिष्ट को कप्तान बनाने वाला था. लेकिन रिजवान शमशाद और अन्य चयनकर्ताओं ने मुझे सुझाव दिया कि इकबाल को कप्तान बनाएं. वह सीनियर खिलाड़ी हैं, आईपीएल खेल चुके हैं और उम्र में भी बड़े हैं. मैंने उनका सुझाव मान लिया.’

रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक रन बना चुके जाफर ने इन आरोपों को भी खारिज किया कि टीम के अभ्यास सत्र में वह मौलवियों को लेकर आए थे.

उन्होंने कहा, ‘उन्होंने कहा कि बायो बबल में मौलवी आए और हमने नमाज पढ़ी. मैं आपको बताना चाहता हूं कि मौलवी, मौलाना जो भी देहरादून में शिविर के दौरान दो या तीन जुमे को आएं, उन्हें मैंने नहीं बुलाया था.’ जाफर ने कहा, ‘इकबाल अब्दुल्ला ने मेरी और मैनेजर की अनुमति जुमे की नमाज के लिए मांगी थी.’

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