पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में मंगलवार को जबरदस्त हिंसा भड़क गई. इस दौरान कई शहरों में पुलिस और इस्लामिक कट्टरपंथी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई.
दरअसल, टीएलपी पिछले कई महीनों से फ्रांस के राजदूत को पाकिस्तान से निकालने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है. मंगलवार को टीएलपी के मुखिया साद रिजवी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद वहां हिंसा भड़क उठी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हिंसा में एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गई है. वहीं टीएलपी ने भी अपने 12 कार्यकर्ताओं के मारे जाने का दावा किया है. इस पूरे तनाव के बाद लाहौर में भारी सुरक्षाबल तैनात है. टीएलपी के कार्यकर्ताओं ने भी सड़कें जाम कर रखी हैं. जिससे वहां 800 से ज्यादा भारतीय सिख फंस गए हैं.
सोमवार (12 अप्रैल) को ही बैसाखी मनाने के लिए 815 सिखों का जत्था वाघा बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान पहुंचा था. ये वहां स्थित गुरुद्वारा पंजा साहिब के दर्शन करने के लिए गए हैं. लेकिन वो अब तक गुरुद्वारे नहीं पहुंच सके हैं.
न्यूज एजेंसी ने पाकिस्तान सरकार के एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि मंगलवार को 25 बसों से इन सिखों को गुरुद्वारा पंजा साहिब ले जाया जा रहा था, लेकिन हिंसा भड़कने की वजह से रोड ब्लॉक कर दी गई थी. इस वजह से सिख श्रद्धालु लाहौर में ही फंस गए हैं.
पाकिस्तानी अधिकारी का कहना है कि बुधवार को सिखों को गुरुद्वारा पंजा साहिब पहुंचाने की कोशिश की जाएगी.
गुरुद्वारा पंजा साहिब के दर्शन करने गए हैं भारतीय सिख
सोमवार (12 अप्रैल) को ही बैसाखी मनाने के लिए 815 सिखों का जत्था वाघा बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान पहुंचा था. ये वहां स्थित गुरुद्वारा पंजा साहिब के दर्शन करने के लिए गए हैं. लेकिन वो अब तक गुरुद्वारे नहीं पहुंच सके हैं.
न्यूज एजेंसी ने पाकिस्तान सरकार के एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि मंगलवार को 25 बसों से इन सिखों को गुरुद्वारा पंजा साहिब ले जाया जा रहा था, लेकिन हिंसा भड़कने की वजह से रोड ब्लॉक कर दी गई थी. इस वजह से सिख श्रद्धालु लाहौर में ही फंस गए हैं.
पाकिस्तानी अधिकारी का कहना है कि बुधवार को सिखों को गुरुद्वारा पंजा साहिब पहुंचाने की कोशिश की जाएगी.