मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। बता दे कि कर्फ्यूग्रस्त मणिपुर में बुधवार को बिष्णुपुर और इंफाल पश्चिम जिलों में अधिक हिंसा देखी गई।
इन अलग-अलग घटनाओं में एक शख्स की मौत भी हो गई है। जबकि एक राज्य मंत्री के घर को निशाना बनाया गया। यहां प्रदर्शनकारियों ने खूब तोड़फोड़ की है।
बता दें, राज्य में 3 मई को शुरू हुई हिंसक झड़पों में अभी तक करीब 70 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। वहीं, लगभग 200 लोग घायल हुए और करीब 40,000 विस्थापित हुए।
इसी के साथ बिष्णुपुर जिले के थम्नापोकपी तलहटी में संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में दो लोग घायल हो गए थे। बताया जा रहा कि घायलों को इंफाल के अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया जा रहा था, तभी एक शख्स ने दम तोड़ दिया।
वहीं, बुधवार शाम निंगथौखोंग शहर में प्रदर्शनकारियों ने राज्य के मंत्री गोविंददास कोन्थौजम के आवास पर धावा बोल दिया। मंत्री के घर में घुसकर तोड़फोड़ की।
हालांकि, मंत्री गोविंददास कोन्थौजम को इंफाल जाना था, इसके चलते वह घर पर नहीं थे। बता दें, प्रदर्शनकारियों के हमले में परिवार का कोई भी सदस्य घायल नहीं हुआ है। बिष्णुपुर से भाजपा के विधायक कोन्थौजमलोक के पास लोक निर्माण विभाग और युवा मामले व खेल मंत्रालय है।
इसी के साथ अधिकारियों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वह इसलिए नाराज हैं क्योंकि राज्य सरकार दूसरे समुदाय के आतंकियों से स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है।
हिंसा के बाद क्षेत्र में कर्फ्यू में दी गई ढील को कम कर दिया है। क्षेत्र में जगह-जगह पुलिस तैनात की गई है। वहीं, सीआरपीएफ के पूर्व डीजी कुलदीप सिंह ने कहा कि बिष्णुपुर जिले के ट्रोंगलाबी इलाके में तीन घरों में आग लगा दी गई, जिसके बाद मंगलवार और बुधवार की रात को क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी।
इसके बाद दोनों समुदायों ने कई घरों को जला दिया। बता दें, 3 मई को दो समुदायों के बीच हिंसा बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को सलाह देने के लिए सीआरपीएफ के पूर्व डीजी कुलदीप सिंह को मणिपुर भेजा गया था।