‘अग्निपथ’ योजना के तहत चार साल के लिए भर्ती का विरोध कर रहे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अब कारण भी गिना दिए हैं. उन्होंने कहा कि यह अवधि बहुत ही कम है. साथ ही उनका कहना है कि यह व्यवस्था सेना के लिए काम नहीं आएगी. खास बात है कि सिंह भी राजनेता बनने से पहले 1963 से 1966 के बीच सेना का हिस्सा रह चुके हैं.
पंजाब लोक कांग्रेस के अध्यक्ष सिंह ने कहा, ‘एक सैनिक के लिए चार सालों की सेवा बेहद कम है.’ इतने लंबे समय से काम कर रही मौजूदी भर्ती नीति को बदलने के सरकार के फैसले पर उन्होंने हैरानी जाहिर की है. तीन साल की प्रभावी सेवा के साथ चार साल के लिए सैनिकों को भर्ती करना सेना के लिए अच्छा उपाय नहीं है.’
इसके अलावा उन्होंने कहा कि अलग-अलग सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से आने वाली भर्तियों के लिए किसी खास रेजिमेंट के माहौल में ढलना और वह भी थोड़े समय के लिए काफी मुश्किल होगा. उन्होंने कहा, ‘यह कभी भी पेशेवर सेना के काम करने के लायक नहीं होगा, जो पूर्वी और पश्चिम थिएटर्स में चुनौतियों का सामना करती है.’