19 नवंबर को खगोल वैज्ञानिकों और ज्योतिषियों में उत्सुकता का माहौल है. कल एक तरफ जहां इस महीने सबसे बड़े और सबसे ज्यादा शुभ फल देने वाले ग्रह बृहस्पति अपनी राशि बदलेंगे, तो दूसरी तरफ साल 2021 का आखिरी चंद्रग्रहण भी लगेगा.
यह है वजह:
जब पृथ्वी परिक्रमा करते समय सूर्य और चंद्र के बीच आ जाती है, ये तीनों ग्रह एक सीधी लाइन में आ जाते हैं, तब चंद्र ग्रहण होता है. इस स्थिति में सूर्य की रोशनी चंद्र तक पहुंच नहीं पाती है और चंद्र दिखाई नहीं देता है. जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्र आ जाता है, तब सूर्य ग्रहण है.
चंद्र ग्रहण को लेकर पौराणिक धार्मिक मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान स्वर्भानु नामक एक दैत्य ने छल से अमृत पान करने की कोशिश की थी. तब चंद्रमा और सूर्य की इस पर नजर पड़ गई थी. इसके बाद दैत्य की हरकत के बारे में चंद्रमा और सूर्य ने भगवान विष्णु को जानकारी दे दी. भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से इस दैत्य का सिर धड़ से अलग कर दिया. अमृत की कुछ बंदू गले से नीचे उतरने के कारण ये दो दैत्य बन गए और अमर हो गए.