ताजा हलचल

उत्तराँचल टुडे विशेष: स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद आजाद के जन्मदिन पर मनाया जाता है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

0

आज देश में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जा रहा है. हर साल 11 नवंबर को यह दिवस मनाया जाता है. इस दिन भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री और स्वतंत्र सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद को भी याद किया जाता है. आज ही कलाम का जन्म हुआ था. भारत सरकार ने 11 नवंबर 2008 को शिक्षा के क्षेत्र में उनके समर्पण को ध्यान में रखते हुए देश में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस बनाने का फैसला किया था.

आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 में सऊदी अरब के मक्का में हुआ था. आजाद के पिता एक भारतीय मुस्लिम विद्वान और उनकी मां अरबी थी. इनका वास्तविक नाम अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन था. आजाद ने 1912 में उन्होंने कलकत्ता में एक साप्ताहिक उर्दू भाषा का अखबार ‘अल-हिलाल’ प्रकाशित करना शुरू किया था.

जो ब्रिटिश विरोधी रुख के लिए था. अल-हिलाल को जल्द ही ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था. बाद में आजाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. आजाद अल्पकालिक खिलाफत आंदोलन में 1920 से 1924 तक विशेष रूप से सक्रिय थे. मौलाना अबुल कलाम आजाद महात्मा गांधी के साथ सविनय अवज्ञा सत्याग्रह आंदोलन और नमक मार्च 1930 में भी भाग लिया.

उन्हें 1920 से 1945 तक कई बार कैद किया गया था. जिसमें द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश भारत छोड़ो अभियान में भी उनकी भागीदारी शामिल थी. स्वतंत्र भारत के आजाद पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री थे. मौलाना अबुल कलाम आजाद, एक स्वतंत्रता सेनानी, एक प्रख्यात शिक्षाविद् और एक पत्रकार, और स्व-शिक्षित व्यक्ति थे. उन्होंने अरबी, बंगाली, फारसी और अंग्रेजी सहित कई भाषाओं में महारत हासिल की थी.

एक उत्साही और दृढ़निश्चयी छात्र, छात्र आजाद को उनके परिवार द्वारा नियुक्त किए गए शिक्षकों द्वारा गणित, दर्शन, विश्व इतिहास और विज्ञान जैसे कई विषयों में भी प्रशिक्षित किया गया था. कलाम महिलाओं की शिक्षा के प्रबल समर्थक थे. उन्होंने हमेशा ही इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्र के विकास के लिए महिला सशक्तिकरण एक आवश्यक और महत्वपूर्ण शर्त है. उनका मानना था कि महिलाओं के सशक्तिकरण से ही समाज स्थिर हो सकता है. साल 1949 में संविधान सभा में उन्होंने महिलाओं की शिक्षा के मुद्दे को उठाया था.

उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में और भी कई कार्य किए, उनके किए गए कार्य आज भी याद किए जाते हैं. 22 फरवरी 1958 में दिल्ली में अबुल कलाम का निधन हो गया. आजाद के शिक्षाविद और एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में किए गए योगदान के लिए 1992 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version