राजधानी की गड्ढायुक्त सड़कें दून की खूबसूरती पर दाग लगाने में जुटी है. दून में जगह जगह सड़को की बुरी से बुरी हालत देखने को मिल रही है. टूटी-फूटी सड़कों पर आम जनता के लिए हानिकारक बनती जा रही है. अक्सर वाहन चालक गिर पड़ते रहते है. साथ ही जगह जगह हो रही खुदाई भी परेशानी का कारण बनी हुई है.
दून की सड़कें न केवल स्थानीय बल्कि बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी जख्मी बन रही हैं. अगर बात करें आईएसबीटी या रेलवे स्टेशन की तो वहां वाहनों से उतरते ही लोगों का सामना सीधे गड्ढों से हो रहा है. हैरान करने वाली बात तो यह है कि मुख्यमंत्री से लेकर अन्य अधिकारी आय दिन इन सड़कों से गुजरते हैं, लेकिन किसी का भी ध्यान इन गड्ढों की ओर नहीं जाता.
उधर माजरा और शिमला बाईपास जाने वाली सड़क की हालत भी नाजुक बनी हुई है. माजरा से लेकर सहारनपुर चौक तक तमाम सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए है. जिससे बारिश के दिनों में गड्ढों में पानी भरने से समस्या और बढ़ जाती है. गड्ढे इतने खतरनाक बने हुए है कि आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है.
दून को स्मार्ट सिटी बनाने का कार्य जारी तो है लेकिन स्मार्ट सिटी कार्य के चलते सड़क की हालत बदतर बनी हुई है. कई जगह सड़कों पर खोदाई की गई है और बीच सड़क पर डक्ट बनाने के लिए गहरे गड्ढे खोदे गए हैं. इससे लोगों को जाम से भी जूझना पड़ रहा है.
वर्तमान में पलटन बाजार की हालत सबसे ज्यादा खराब है. यहां घूमना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है .कई जगहों से उखड़ चुकी है, बीच सड़क में डक्ट बनाए गए हैं, जिनके ढक्कन एक फुट तक ऊंचे हैं. कई जगह तो डक्ट के ढक्कन खुले हुए हैं. इससे कई बार हादसा भी हो चुका है.
जानकारी अनुसार पता चला है कि 15 सितंबर से खराब सड़कों को ठीक करने का काम शुरू कर दिया जाएगा.