उत्तराखंड में शनिवार को मचे सियासी भूचाल के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना हो सकते हैं। यहां सीएम रावत आलाकमान से मुलाकात करेंगे। वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी में शनिवार को चले सियासी ड्रामे के बीच अब असंतुष्ट विधायकों को साधने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
अगर मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो ऐसे में असंतुष्टों को प्राथमिकता मिल सकती है, ताकि चुनावी साल में असंतोष खत्म किया जा सके। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत मंत्रिमंडल में तीन पद खाली हैं। हालांकि, हाईकमान ने फरवरी 2020 को ही मंत्रिमंडल विस्तार को हरी झंडी दे दी थी, और सरकार के तीन साल पूरे होने पर विस्तार तय माना जा रहा था, लेकिन इस बीच कोरोना महामारी के प्रकोप से इसे टाल दिया गया।
अब सरकार के चार साल के जश्न पर कुछ विधायकों को यह तोहफा मिलने की चर्चाएं हैं। माना जा रहा है कि भाजपा असंतुष्ट सीनियर विधायकों को कैबिनेट में जगह देकर गुस्सा शांत करने का प्रयास कर सकती है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पिथौरागढ़ जिले की चार में से तीन विस सीटें भाजपा के पास हैं, लेकिन मंत्रिमंडल में किसी को स्थान नहीं मिला है।
वरिष्ठता पर कुमाऊं मंडल में पूर्व मंत्री, पार्टी के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष व डीडीहाट विधायक विशन सिंह चुफाल, कपकोट(बागेश्वर) विधायक और पूर्व मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल, खटीमा के युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं, लेकिन इनमें से किन्ही दो को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है वहीं, गढ़वाल मंडल से एक विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है।
इनमें बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट, विकासनगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान व हरिद्वार ग्रामीण के स्वामी यतीश्वरानंद के नाम शामिल हैं।