उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी पर पावर प्रोजेक्ट के डैम का एक हिस्सा टूट गया है। इससे अलकनंदा नदी में प्रवाह बढ़ गया है। सूचना पर जिला प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर रवाना हो गई है। घटना के बाद ऋषिकेश, हरिद्वार सहित मैदानी इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
डैम टूटने से अलकनंदा नदी का जल प्रवाह अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है। अभी किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है लेकिन प्रशासन अलर्ट मोड पर है। बता दें कि जोशीमठ से आगे नीति मार्ग पर निजी कंपनी का ऋषिगंगा नदी पर पावर प्रोजेक्ट है, यहां करीब 24 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चमोली जिले के लिए रवाना हो गए हैं। साथ ही, उन्हाेंने आपदा प्रबंधन को भी मौके पर भेजा है। साथ में सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरूगेशन भी रवाना हुए हैं। सीएम ने बताया है कि हालात पर काबू पा लिया गया है। बांध के पानी को छोड़ने की निर्देश दिए गए हैं ताकि बाढ़ के खतरे को कम किया जा सके। सीएम त्रिवेंद्र ने सभी से अपील की है कि वह किसी भी तरह की अफवाहों में ध्यान न दें। दूसरी तरफ, गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम रावत से चमोली घटना की जानकारी जुटाई है।
घटना के बाद राजधानी देहरादून स्थित दून मेडिकल कॉलेज में बेडों को रिजर्व किया गया है। देहरादून के वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के तीन ग्लेशियर वैज्ञानिकों की टीम चमोली जाएगी। टीम में डॉ मनीष मेहता, डॉ विनीत कुमार, डॉ समीर कल सुबह धौलीगंगा ग्लेशियर की पड़ताल को जा रहे हैं। टीम लंबे समय से धौलीगंगा, द्रोणागिरी, रेणी गांप के ग्लेशियर पर काम कर रही है।
बताया जा रहा है कि पहाड़ी से ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर इस डैम पर गिरा। इससे डैम का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त होने से डैम का पानी तेजी से अलकनंदा नदी में जाने लगा है। अलकनंदा नदी का प्रवाह बढ़ने से केंद्रीय जल आयोग ने अपनी सभी चौकियों पर अलर्ट जारी किया है। ऋषिकेश तथा हरिद्वार में 6 से 7 घंटे के भीतर इस पानी के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
ग्लेशियर फटने से बांध क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे धोली नद में बाढ़ आ गई है। तपोवन बैराज पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। घटना के बाद से कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। चमोली से हरिद्वार तक खतरा बढ़ने से अलर्ट जारी हो गया है। पुलिस व एसडीआरएफ की टीमें नदी किनारे की बस्तियों को लाउडस्पीकर से अलर्ट करने के साथ ही खाली कराने में जुट गई है। ऋषिकेश में भी गंगा नदी से बोट राफ्टिंग संचालकों को हटाया जा रहा है।