देश में बाघों के बाद गुलदारों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। इनकी आबादी चार साल में 60 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी है। सोमवार शाम केंद्रीय वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली में इसकी रिपोर्ट जारी की, जो भारतीय वन्यजीव संस्थान की ओर से देश भर के बाघ वाले क्षेत्रों में किए गए आकलन पर आधारित है।
रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में देश के बाघ क्षेत्रों में करीब 8000 गुलदार थे, जो कि 2018-19 में 12852 हो गई। गुलदारों की संख्या के लिहाज से उत्तराखंड 839 की संख्या के साथ देशभर में पांचवें स्थान पर है।
3421 गुलदारों के साथ मध्य प्रदेश पहले, 1783 के साथ कर्नाटक दूसरे, 1690 के साथ महाराष्ट्र तीसरे और 868 के साथ तमिलनाडु चौथे स्थान पर रहा।
शिवालिक हिल्स और गंगा तराई रीजन की बात करें तो इसमें उत्तराखंड पहले स्थान पर है। इस रीजन में आने वाले यूपी में 316 और बिहार में 98 ही गुलदार टाइगर एरिया में पाए गए।
बढ़ रही संख्या
उत्तराखंड में 2014 में इन क्षेत्रों में किए गए आकलन के मुताबिक करीब साढ़े छह सौ गुलदार थे, जो कि अब 839 हो गई है। यानी गुलदारों की संख्या बढ़ी है। इसके साथ ही राज्य में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी लगातार बढ़ी रही हैं, जो चिंता का विषय है।
विशेषज्ञों को कहना है कि सरकार और भारतीय वन्यजीव संस्थान जैसी संस्थाओं को संघर्ष रोकने और वाइल्डलाइफ मैनेजमेंट को लेकर काम करना चाहिए। नहीं हो इस बाघों, गुलदारों और हाथियों की बढ़ती संख्या राज्य के लिए नुकसान दायक हो सकती है।