उत्‍तराखंड

उत्तराखंड : पहाड़ के प्रोफेसर ने घास से ढूंढा पुरुषों में गंजेपन की समस्‍या का इलाज, फॉर्मूलेशन को मिला पेटेंट

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उत्तराखंड के गढ़वाल केंद्रीय विवि के फार्मेसी विभाग की फैकल्टी डा. अजय सेमल्टी और डा. मोना सेमल्टी ने प्रोफेसर पुरुषों में गंजापन (एलोपेशिया) दूर करने के लिए हर्बल तरीके से एक फॉर्मूलेशन तैयार किया, जिसे इंडियन पेटेंट मिला है। बता दे कि यह फार्मूला कंडाली से तैयार किया है, जिसे उन्होंने केश संजीवनी नाम दिया है।
हालांकि इससे पहले वर्ष 2021 में डा. अजय सेमल्टी ने पुरुषों में गंजापन दूर करने के लिए हर्बल आयल तैयार किया था, जिसे आस्ट्रेलियन पेटेंट मिला था। भारतीय पेटेंट कार्यालय की ओर से सुनवाई के बाद पेटेंट की आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है।

बता दे कि डा. अजय सेमल्टी ने बताया कि, फॉर्मूलेशन तैयार करने के बाद उन्होंने इसका परीक्षण चूहों पर किया था, जिसके अच्छे परिणाम सामने आए। यहां तक कि बाजार में उपलब्ध महंगी दवाओं से भी अच्छे परिणाम उनके शोध में हर्बल फॉर्मूलेशन से आए, जिससे वो काफी उत्साहित हुए। उन्होंने बताया कि कंडाली की पत्तियों और जड़ों से इस तेल को तैयार किया गया है।

इसी के साथ उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की समृद्ध वानस्पतिक औषधियों के क्षेत्र में यह शोध मील का पत्थर साबित होगा। कंडाली से बनी केश संजीवनी के शोध को भारतीय पेटेंट कार्यालय ने सुनवाई के लिए 2014 में पंक्तिबद्ध किया था। इसकी सुनवाई बीती 25 जनवरी को हुई और 22 मार्च को पेटेंट की आधिकारिक अधिसूचना जारी हुई।

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