कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राज्य में संक्रमण की स्थिति चिंताजनक ढंग से बढ़ रही है। पिछले चौबीस घंटे में सामने आए नए मरीजों को तुलनात्मक दृष्टि से देखें तो राज्य ने नए मरीजों के लिहाज से औसतन यूपी और गुजरात को भी पीछे छोड़ दिया है।
यदि संक्रमण की यही स्थिति बनी रही तो आने वाले दिनों में राज्य के सामने गंभीर संकट खड़ा हो सकता है। रविवार को देशभर में आए कोरोना के नए मरीजों पर नजर डालें, तो राज्य की तकरीबन एक करोड़ आबादी में 1333 नए मरीज मिले हैं, जबकि सोमवार को भी उत्तराखंड में 1334 कोरोना के मरीज सामने आए हैं।
जबकि यूपी में 20 करोड़ की आबादी पर 15 हजार ही मरीज मिले हैं। इसी तरह गुजरात के आंकड़ों पर नजर डाले तो तकरीबन सात करोड़ की आबादी वाले गुजरात में केवल 5400 ही नए मरीज सामने आए हैं। हिमाचल में भी पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य की तुलना में कम मरीज मिले हैं।
हिमाचल की आबादी 70 लाख के करीब है, लेकिन वहां सिर्फ 554 ही नए मरीज मिले हैं। ऐसे में देखा जाए तो राज्य में संक्रमण के मामले काफी ज्यादा आ रहे हैं। वैसे संक्रमण की दृष्टि से देखा जाए तो देश में महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों की हालत सबसे ज्यादा खराब है।
11 दिन में ही आ गए चार महीने जितने मरीज
राज्य में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण की गति बहुत तेज है। राज्य में जब पिछले साल 15 मार्च को जब कोरोना संक्रमण शुरू हुआ था तो पांच हजार मरीजों का आंकड़ा छूने में पूरे चार महीने लगे थे। 15 जुलाई के आसपास राज्य में कुल मरीजों की संख्या पांच हजार के आसपास थी।
लेकिन दूसरी लहर में इतनी संख्या में नए मरीज महज 11 दिन में ही आ गए हैं। ऐसे में राज्य में संक्रमण की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। राज्य में इस साल 31 मार्च को कोरोना मरीजों की कुल संख्या 1800 के आसपास थी।