सांसद मेनका गांधी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बोर्ड की शिकायत करते हुए मामले को सीबीआई, सीआईडी व ईडी जांच के लायक बताया। उन्होंने अनियमितता की आशंका जताते हुए पत्र की प्रति प्रधानमंत्री को भी भेजी है। मेनका गांधी ने पत्र में आरोप लगाया है
विश्व बैंक से उत्तराखंड सरकार को मिले लोन में बोर्ड के अफसरों ने अनियमितता की है। उधर, पीएफए की सदस्य सचिव गौरी मौलेखी ने मेनका का पत्र मिलने की पुष्टि की है। मालूम हो कि इस मामले को मौलेखी ने ही उठाया था।
इस संबंध में बात करने पर बोर्ड के सीईओ डॉ.अविनाश आनंद ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पहले भी ऐसी बात आई थी, तब भी बोर्ड ने पक्ष दे दिया था। बोर्ड में सिर्फ अध्यक्ष के लिए एक कार खरीदी गई वो भी अनुमति से। चारा खरीद पर भी भ्रम फैलाया जा रहा है।
पूर्व में सामान्य चारा लेते थे, जबकि बोर्ड ने ई-टेंडरिंग से उन्नत किस्म का चारा खरीदा। इसकी जांच की जा सकती है। रही बात बूढ़ी भेड़ों की तो आस्ट्रेलिया से आई भेड़ों ने अब तक प्रजनन के बाद दोगुने से ज्यादा बच्चे दिए हैं।
सलाहकार व कार्मिकों की नियुक्ति का निर्णय बोर्ड का है। उधर, पशुपालन सचिव आर. मीनाक्षीसुंदरम ने कहा कि प्रथमदृष्टया जो आरोप सामने आ रहे हैं, वो निराधार हैं। जिन्होंने माननीय सांसद जी से शिकायत की है, उन्हें इन घोटालों के सुबूत भी देने चाहिए।
पशुपालन विभाग का तीन हजार करोड़ रुपये का कोई प्रोजेक्ट ही नहीं है। हालिया कुछ वक्त में पशुपालन विभाग ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं और राज्य में लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित किए हैं।
ये हैं आरोप
सांसद ने पत्र में आरोप लगाया है कि पात्र नहीं होने के बावजूद अफसरों ने 13 लाख रुपये से अधिक की लग्जरी कारें खरीदीं। महंगा चारा खरीदा। बिना पद सृजित किए बड़ी संख्या में अफसरों को प्रतिनियुक्ति पर भेड़ बोर्ड में नियुक्त कर दिया।
इससे जिलों में पशु चिकित्सालय बंद हो गए। ऑस्ट्रेलिया से खरीदी गईं मेरीनो भेड़ बूढ़ी हैं। उनकी खरीद सिर्फ कमीशन के लिए हुई। इन भेड़ों को बाद में मीट के लिए बेच दिया गया।
मीडिया और सोशल साइट्स से मुझे मेनका जी के पत्र की जानकारी मिली है। इसे गंभीरता से दिखवाया जाएगा और हर प्रकार की जांच कर उनकी चिंताओं का समाधान भी निकाला जाएगा। यदि किसी स्तर पर कोई अनियमितता पाई जाएगी तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा।