उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय में आज दो अधिवक्ता और एक आर.जे.की शपथ के बाद न्यायाधीशों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी ने तीनों को पद और गोपनियता की शपथ दिलाई। साथ ही नवनियुक्त न्यायाधीशों ने आज से ही न्यायालय की कमान संभाल ली है।
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति के बाद केंद्र सरकार के विशेष सचिव राजिंदर कश्यप की तरफ से 27 अप्रैल को जारी पत्र के अनुसार उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के दो अधिवक्ता और एक रजिस्ट्रार जर्नल को उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाने की सहमति दी थी। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी, न्यायमूर्ति मंनोज कुमार तिवारी, न्यायमूर्ति शरद शर्मा, न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की मौजूदगी में वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश थपलियाल, पंकज पुरोहित और रजिस्ट्रार जर्नल विवेक शर्मा भारती को शपथ दिलाई।
रजिस्ट्रार जर्नल के न्यायाधीश के रूप में एलोवेट होने के बाद मुख्य न्यायाधीश ने रजिस्ट्रार विजिलेंस अनुज कुमार सिंघल को रजिस्ट्रार जर्नल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। न्यायालय में कुल 11 जजों की स्ट्रेंथ है, जिसमें से न्यायालय में वर्तमान में केवल पांच न्यायाधीश ही उपलब्ध थे। आज तीन नए न्यायाधीशों के आने के बाद ये संख्या आठ तक पहुंच गई है।
इसके बाद न्यायालय में लंबित मामलों की सुनवाई में कुछ तेजी आने की संभावना बढ़ गई है। साथ ही इस मौके पर महाधिवक्ता एस.एन.बाबुलकर, चीफ स्टैंडिंग काउंसिल चंद्र शेखर जोशी, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभाकर जोशी, महासचिव विकास बहुगुणा, बी.एन.मौलेखी, कुर्बान अली, राजकुमार सिंह वर्मा समेत सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे। जिलाधिकारी धिराज सिंह गर्भयाल और एस.एस.पी.पंकज भट्ट के साथ आला अधिकारियों ने भी शिरकत की।