कारगिल की वीरगाथा उत्तराखंड के सपूतों के बिना अधूरी है। वर्ष 1999 में हुए कारगिल युद्ध में राज्य के 75 रणबांकुरों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। तब आबादी के लिहाज से कारगिल युद्ध में बलिदानी होने वाले उत्तराखंड के सैनिकों की संख्या सबसे ज्यादा थी।
उत्तराखंड राज्य के 30 सैनिकों को उनके अदम्य साहस के लिए वीरता पदकों से अलंकृत किया गया। भारतीय सेना ने 526 सैनिकों को खोया तो वहीं 1363 गंभीर रूप से घायल हुए। पाकिस्तानी सेना के लगभग चार हजार सैन्य बलों के जवान मारे गए।
वर्ष 1999 में हुए कारगिल लड़ाई में भारतीय सेना ने पड़ोसी मुल्क की सेना को चारों खाने चित कर विजय हासिल की। कारगिल योद्धाओं की बहादुरी का स्मरण करने व बलिदानियों को श्रद्धाजलि अर्पित करने के लिए 26 जुलाई को प्रतिवर्ष कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
उत्तराखंड के ये सपूत बने नायक
- कारगिल युद्ध में जिलावार बलिदानी
- देहरादून- 14
- अल्मोड़ा- 3
- बागेश्वर- 3
- चमोली- 7
- चंपावत-
- लैंसडौन- 10
- नैनीताल- 5
- पौड़ी- 3
- पिथौरागढ़- 4
- रुद्रप्रयाग- 3
- टिहरी- 11
- उधम सिंह नगर- 2
- उत्तरकाशी- 1