देहरादून के पवेलियन मैदान में आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित अमृत महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बातें कही। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने कहा कि हम लोग सौभाग्यशाली हैं कि हमने आजाद भारत में जन्म लिया। लेकिन वे लोग जिन्होंने इस देश को आजादी दिलाई।
उन महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को आजादी के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। उन्होंने कहा कि आजादी के उन मतवालों का बस एक ही सपना था देश को आजाद कराना। उनके मन में एक ही पीड़ा थी। देश को आजाद करा सकें। नौजवान उम्र में वह देश को छोड़कर चले गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने नमक आंदोलन चलाया लेकिन वीर सावरकर, भगत सिंह, चंद्रशेखर, नेताजी सुभाष चंद बोस आदि नहीं होते तो क्या आजादी मिल सकती थी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत में होने के बावजूद कभी भारत का अभिन्न अंग नहीं था तो इसी तरह लाॅर्ड मैकाले की अंग्रेजी शिक्षा पद्वति को हम पर थोपा गया। अब तक वही सब चल रहा था।
हम आजाद कहां हुए थे। लेकिन आज भारत के सपूत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का नेतृत्व कर रहे हैं। इन सबसे निजात देने का काम मोदीजी ने किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को खत्म करने की बात हो या तीन तलाक कानून से लेकर राम जन्म भूमि की। आज हम कह सकते हैं कि हम सही मायने में पूर्ण आजादी की ओर आगे बढ़े हैं।
इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष खजान दास, सांसद अजय भट्ट, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, महापौर सुनील उनियाल गामा, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, पर्यटन व सूचना सचिव दिलीप जावलकर, प्रबंध निदेशक जीएमवीएन आशीष चौहान, पर्यटन विकास अधिकारी देहरादून (डीटीडीओ) जसपाल चौहान सहित अन्य उपस्थित रहे।