भारत में आए दिन कई वेबसाइट हैक होती रही है जिनमें से कई सरकारी वेबसाइट भी है। बता दे कि भारत में आज भी साइबर अटैक को लेकर कोई सख्त कानून नहीं है जिसके तहत सजा हो सके। इस महीने की शुरुआत में ही भारत सरकार ने 12,000 ऐसी वेबसाइट की लिस्ट जारी की थी जो कि हैकर्स के निशाने पर थे।
हालांकि पिछले साल भारत सरकार की 50 वेबसाइट को हैकर्स ने शिकार बनाया था। ये आंकड़े केंद्र सरकार की वेबसाइट के हैं। अब ताजा मामला यूपी रोडवेज की साइट का है। यूपी रोडवेज की साइट पिछले दो दिनों से हैकर्स के कब्जे में हैं और इसे री-स्टोर करने में अभी भी एक सप्ताह का वक्त लग सकता है। हैकर्स ने बिटकॉइन में 40 करोड़ की फिरौती की मांग की है।
आइए समझने की कोशिश करते हैं आखिर एक हैकर से सरकारी साइट को छुड़ाने में इतना वक्त क्यों लग रहा है और हैकर्स के खिलाफ सरकार की क्या तैयारियां हैं।
बता दे कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की वेबसाइट के सर्वर पर साइबर अटैक हुआ है और डाटा चोरी किया गया है। इस हैकिंग के बाद बिटकॉइन में 40 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई है।
इसी के साथ साइबर हमलावरों ने दो दिन का वक्त दिया है और तय वक्त में फिरौती न देने पर यह रकम बढ़ाकर 80 करोड़ करने की धमकी दी है। इस संबंध में साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है औ मामले की जांच चल रही है। यह एक रैनसमवेयर अटैक है।
हालांकि रैनसमवेयर अटैक में ही डाटा पर कब्जा किया जाता है और फिरौती की मांग की जाती है। हमले में सर्वर की फाइलों को इनक्रिप्ट कर दिया गया है और डिजास्टर रिकवरी क्लाउड का भी डाटा इनक्रिप्ट हो गया है। अब डाटा का रिकवरी कर पाना बेहद मुश्किल है।