उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने मंगलवार को लव जेहाद पर धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश को मंजूरी दे दी. इस अध्यादेश में कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल किए गए हैं. साथ ही दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा का प्रावधान भी किया गया है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर इस नए कानून में क्या प्रावधान होंगे.
ऐसी शादी मानी जाएगी शून्य
अगर कोई केवल शादी के लिए लड़की का धर्म परिवर्तन करता है या कराता है, तो ऐसे में वो शादी शून्य की श्रेणी में आएगी. मतलब ये कि वो शादी कानून की नजर में अवैध होगी.
उपबंधों का उल्लंघन पड़ेगा भारी
कानून के तहत आने वाले उपबंधों का उल्लंघन करने पर कम से कम एक साल और अधिकतम 5 साल की सजा का प्रावधान होगा. साथ ही कम से कम 15 हजार रुपये का जुर्माना भी प्रस्तावित है.
नाबालिग और एससी, एसटी महिलाओं के लिए कानून
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की महिला या किसी नाबालिग लड़की का धर्म परिवर्तन करना या कराना भी इसी अपराध की श्रेणी में गिना जाएगा. नाबालिग लड़कियों, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के साथ किए गए उपरोक्त अपराध के दोषी को कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 कैद की सजा का प्रावधान होगा. साथ ही कम से कम 25 हजार रुपये का जुर्माना किया जाना प्रस्तावित है.
सिर्फ प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट करेंगे सुनवाई
इस अध्यादेश के तहत मिथ्या, बल, प्रभाव, प्रपीड़न, लालच या किसी धोखे से एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन के लिए मजबूर किए जाने को संज्ञेय अपराध माना जाएगा. यह अपराध गैर जमानती होगा. ऐसे मुकदमों की सुनवाई प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की अदालत में किए जाने का प्रावधान होगा.