देश की राजधानी दिल्ली में 3 कृषि कानूनों की वापसी के बाद भी किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. इसी को देखते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को किसानों से अपना आंदोलन खत्म करने और घर जाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि “तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद अब आंदोलन का कोई औचित्य नहीं बनता है. किसान 26 नवंबर, 2020 से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. इसी के उन्होंने घोषणा की कि देश में अब पराली जलाना अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि यह किसान संगठनों की बड़ी मांगों में से एक मांग थी कि पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखा जाए, इसलिए किसानों की यह मांग केंद्र सरकार ने मान ली है.
दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दस दिसंबर 2015 को फसल अवशेषों पर जलाने का प्रतिबंध लगा दिया था. पराली जलाने पर कानूनी तौर पर कार्रवाई भी की जाती थी. पराली जलाते पकड़े जाने पर दो एकड़ भूमि तक 2,500 रुपये, दो से पांच एकड़ भूमि तक 5,000 रुपये और पांच एकड़ से ज्यादा भूमि पर 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता था.
#WATCH | As far as cases registered during the protest are concerned, it comes under the jurisdiction of state govts & they will take a decision. State govts will decide on the issue of compensation too, as per their state policy: Union Agriculture Minister NS Tomar pic.twitter.com/gQyWbUvx2F
— ANI (@ANI) November 27, 2021