यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की समेत शीर्ष यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा है कि ये वक़्त लापरवाह होने का नहीं है। बता दे कि शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने भी कहा है कि ये हमला दक्षिण में पूर्वी डोनबास क्षेत्र या कीएव की तरफ़ भी हो सकता है। हालांकि, पश्चिमी विश्लेषकों का कहना है कि रूस की ज़मीनी हमला करने की क्षमता तेज़ी से कम होती जा रही है।
इसी के साथ ब्रिटेन के सबसे शीर्ष सैन्य अधिकारी सर टोनी रडकिन ने इस हफ़्ते कहा है कि अब इस युद्ध में रूस के लिए हालात बुरे ही होंगे। हालांकि उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि रूस इस समय गोला-बारूद की भारी कमी का सामना कर रहा है। वहीं, यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेज़नीकोव ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि सबूत इस ओर इशारा करते हैं कि रूस सैन्य अभियानों में लगातार नुक़सान उठाने के बाद भी एक नये अभियान की तैयारी कर रहा है।
बता दे कि उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि अक्टूबर में जिन तीन लाख लोगों को सेना में वापस बुलाया गया था, उनकी ट्रेनिंग फ़रवरी में पूरी हो जाएगी। रेज़नीकोव ने कहा, “सैन्य लामबंदी के दूसरे चरण में, लगभग डेढ़ लाख लोगों को युद्ध के लिए तैयार होने के लिए तीन महीने की ट्रेनिंग करनी होती है। इसका मतलब ये है कि वे पिछले साल की तरह फ़रवरी में हमले की योजना बनाने की कोशिश कर रहे हैं।”