पाकिस्तान में आर्थिक हालात एकदम बदतर हो गए हैं। बता दे कि देश के कई प्रांत में गेहूं का स्टॉक खत्म हो गया है और आटे का गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
इतना ही नहीं पुलिस ने बताया कि हंगामे के दौरान एक 40 वर्षीय मजदूर हरसिंह कोल्ही सड़क पर गिर गया और आसपास के लोगों ने उसे रौंद डाला जिससे उसकी मौत हो गई।
कोल्ही के परिवार ने खाद्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इससे पहले सिंध सरकार द्वारा लोगों को सब्सिडी वाले आटे की बिक्री के दौरान मीरपुरखास भगदड़ में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
इसी के साथ पाकिस्तान मे गेहूं की कीमत 5,000 रुपये प्रति मन पर पहुंचने के साथ, रावलपिंडी के खुले बाजार में आटा की दर 150 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शहर में 15 किलो गेहूं का बैग 2,250 रुपये में बेचा जा रहा है। सब्सिडी वाले 25 किलो वाले पैकेट के आटे की कीमत 3100 रुपये प्रति पैकेट हो गई है।
आपको बता दे कि बलूचिस्तान के खाद्य मंत्री जमरक अचकजई ने कहा कि गेहूं का स्टॉक खत्म हो गया है और उन्हें दो लाख बैग के बजाय केवल 10,000 बैग गेहूं प्राप्त हुआ है।
साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही से छह लाख बैग के लिए आग्रह भी किया था। हालांकि उन्होंने कहा कि इलाही ने गेहूं उपलब्ध कराने का वादा किया था। हालांकि, उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया।
सूत्रों के अनुसार पहले आठ जनवरी को बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर अब्दुल कुद्दुस बिजेन्जो ने संबंधित अधिकारियों को गेहूं जमाखोरों और थोक विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया था, जिसका उद्देश्य प्रांत के लोगों के लिए गेहूं की कमी को नियंत्रित करना था। लेकिन इसका असर होता दिख नहीं रहा है।
मीर अब्दुल कुद्दुस बिजेन्जो ने कहा कि सभी जिलों के प्रशासन को लामबंद किया जाए और गेहूं का भंडारण करने और अधिक दामों पर खाद्य सामग्री बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
साथ ही उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान के लोगों को जमाखोरों और रेहड़ी-पटरी वालों के रहमोकरम पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए।