23 अप्रैल 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयातित वस्तुओं पर लगाए गए 145% टैरिफ को “काफी हद तक” कम करने का संकेत दिया, हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पूरी तरह से समाप्त नहीं होगा। यह घोषणा अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट के उस बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने इन टैरिफ को “अस्थिर” बताया था और व्यापारिक संबंधों में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया था।
ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि टैरिफ में राहत का उपयोग वे चीन के साथ चल रही वार्ताओं में एक सौदेबाजी के उपकरण के रूप में कर सकते हैं, जिसमें टिकटॉक जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल को हटाने की उनकी कोई योजना नहीं है, जिससे निवेशकों को राहत मिली।
ट्रंप के इस नरम रुख के बाद एशियाई शेयर बाजारों में तेजी देखी गई। जापान का निक्केई 2.3% और दक्षिण कोरिया का मुख्य सूचकांक 1.2% बढ़ा। अमेरिकी डॉलर ने भी प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले मजबूती दिखाई।
हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने चेतावनी दी है कि ट्रंप के टैरिफ ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर “गंभीर नकारात्मक प्रभाव” डाला है, जिससे 2025 के लिए वैश्विक GDP वृद्धि दर के पूर्वानुमान में कटौती की गई है।ट्रंप का यह कदम चीन के साथ व्यापारिक तनाव को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है, जिससे वैश्विक बाजारों में अस्थिरता कम हो सकती है।