क्या ट्रंप के 2 अप्रैल से लागू होने वाले टैरिफ़ अमेरिकी व्यापार को सुधारेंगे?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से प्रतिकूल शुल्क (रिक्रोकल टैरिफ़्स) लागू करने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य उन देशों से आयातित वस्तुओं पर शुल्क लगाना है जो अमेरिकी उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाते हैं। यह कदम व्यापार संतुलन स्थापित करने और अमेरिकी उद्योगों की रक्षा करने के लिए उठाया गया है।

ट्रंप ने कहा कि यह नीति अमेरिका के व्यापारिक साझेदारों को यह संदेश देने के लिए है कि वे अमेरिकी उत्पादों पर उच्च शुल्क नहीं लगा सकते हैं जबकि अमेरिकी बाजार उनके उत्पादों के लिए खुला है। इससे उम्मीद है कि अमेरिका के लिए व्यापारिक परिस्थितियाँ सुधरेंगी और घरेलू उद्योगों को संरक्षण मिलेगा।

यह कदम वैश्विक व्यापार संबंधों में तनाव बढ़ा सकता है, क्योंकि प्रभावित देशों द्वारा जवाबी शुल्क लगाए जाने की संभावना है, जिससे व्यापार युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इससे उपभोक्ताओं के लिए मूल्य वृद्धि और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान जैसी चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

ट्रंप प्रशासन का यह निर्णय अमेरिका की व्यापार नीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है, जो संरक्षणवादी दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है और वैश्विक व्यापार व्यवस्था पर इसके प्रभावों को लेकर बहस को जन्म देता है।

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