कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत को आज एक और हथियार मिलने जा रहा है। रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-वी की पहली खेप आज भारत आ रही है। इससे पहले भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सिन के साथ कोरोना के खिलाफ जंग जारी है।
स्पूतनिक-वी की पहली खेप आने के बाद से भारत में टीकाकरण की रफ्तार और तेज हो जाएगी, क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में एक और वैक्सीन जुड़ जाएगी। रूसी अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है कि आज यानी 1 मई को भारत में स्पूतनिक-वी वैक्सीन की पहली खेप आ जाएगी।
बता दें कि स्पूतनिक-वी वैक्सीन को गमालया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित किया गया है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि भारत को 1 मई को रूसी कोरोना वैक्सीन ‘स्पूतनिक वी’ के पहली खेप मिल जाएगी। आरडीआईएफ के प्रमुख किरिल दिमित्रिक ने पिछले सप्ताह समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि स्पूतनिक-वी की पहली खुराक 1 मई को डिलिवर की जाएगी।
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रूस की यह वैक्सीन सप्लाई भारत को कोरोनो वायरस महामारी की दूसरी लहर से बाहर निकलने में मदद करेगी।
ट्रायल में रहा था कारगर
शुरुआत में इस वैक्सीन की क्षमता पर सवाल खड़े किए गए, मगर बाद में जब इस साल फरवरी में ट्रायल के डेटा को द लांसेट में पब्लिश किया गया तो इसमें इस वैक्सीन को सेफ और इफेक्टिव बताया गया। दरअसल कोविड-19 के रूसी टीके ‘स्पूतनिक-वी के तीसरे चरण के परीक्षण में यह 91.6 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है और कोई दुष्प्रभाव भी नजर नहीं आया।
‘द लांसेट’ जर्नल में प्रकाशित आंकड़ों के अंतरिम विश्लेषण में यह दावा किया गया है। अध्ययन के ये नतीजे करीब 20,000 प्रतिभागियों से एकत्र किए गए आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित हैं।
भारत ने दी है आपात इस्तेमाल की मंजूरी
इसके दो महीने बाद अप्रैल महीने में भारत में रूसी कोरोना टीके ‘स्पूतनिक वी’ के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई। भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने देश में कुछ शर्तों के साथ रूसी कोरोना टीके ‘स्पूतनिक वी’ के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने की सिफारिश की थी, जिस पर भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने अपनी मुहर लगाई।
गमालया इंस्टीट्यूट ने दावा किया की कि स्पुतनिक-वी कोरोना के खिलाफ अब तक विकसित सभी टीकों में सबसे अधिक प्रभावी है।
कैसे अन्य वैक्सीन से अलग है स्पूतनिक-वी
रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-वी, एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की तरह ही एक वायरल वेक्टर वैक्सीन है। मगर किसी भी अन्य कोरोना वैक्सीन के विपरीत, स्पूतनिक-वी वैक्सीन की दोनों खुराक एक दूसरे से अलग होती हैं।
स्पूतनिक वी की दोनों खुराकों में अलग-अलग वैक्टरों का उपयोग SARS-CoV-2 के स्पाइक प्रोटीन को टारगेट करने के लिए किया गया है। बता दें कि कि सार्स-कोव-2 ही कोरोना वायरस का कारण बनता है।
वैक्सीन की प्रकृति में भी स्पूतनिक वी की दो खुराक एक ही टीका के थोड़े अलग संस्करण हैं और इसका उद्देश्य कोरोना के खिलाफ लंबी सुरक्षा प्रदान करना है।
क्या हो सकती है कीमत
अगर इस वैक्सीन की कीमत की बात करें तो कंपनी ने इसकी कीमत को लेकर कहा है कि भारत में स्पूतनिक v के एक डोज के लिए अधिकतम 10 डॉलर (करीब 750 रुपए) खर्च करने होंगे।
हालांकि, स्पूतनिक वैक्सीन की आधिकारिक कीमत का ऐलान नहीं हुआ है। फिलहाल, भारत में जो दो वैक्सीन है, उसे केंद्र सरकार 250 रुपए में खरीदती है।
रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी की ग्लोबल रीच बहुत ही ज्यादा हो सकती है, क्योंकि स्पूतनिक-वी की आपूर्ति के लिए 60 से अधिक देशों ने कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं।
बता दें कि अगर एक मई को स्पूतनिक वैक्सीन की पहली खेप भारत पहुंच जाती है तो 1 मई से ही टीकाकरण के तीसरे फेज में इसका इस्तेमाल हो सकता है। 1 मई से भारत में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को भी टीका लगेगा।