दुनियाभर में हर साल 20 मार्च को विश्व गौरिया दिवस मनाया जाता है. विश्व गौरिया दिवस की शुरूआत साल 2010 में हुई थी. तब से लेकर अबतक 20 मार्च को हर साल विश्व गौरिया दिवस मनाया जाता है.
इस दिन को मनाने का उद्देश्य विलुप्त हो रही गौरेया पक्षियों को बचाने का है. इस दिन कई जगहों पर कैम्प लगाया जाता है और वातावरण में पक्षियों के महत्व को समझाया जाता है. गौरिया पक्षी धीरे धीरे विलुप्त होते जा रहे हैं. ऐसे में इनकी रक्षा करना हमारा धर्म है और मानव अधिकार भी है.
क्या है विश्व गौरैया दिवस का इतिहास?
गौरैया दिवस की शुरुआत नेचर फॉरएवर सोसाइटी ऑफ इंडिया (Forever Society of India) और फ्रांस के ईको-एसवाईएस एक्शन (Ecco-SYS Action Foundation of France) के द्वारा की गई थी, जिसमें और भी कई संस्थाएं शामिल हुई. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों के बीच घरेलू गौरैया के प्रति जागरूकता बढ़ाना है, ताकि लोग इनके महत्व को जान पाएं और इनकी प्रजाति को विलुप्त होने से बचा सकें.
क्या हैं विश्व गौरैया दिवस 2023 की थीम?
विश्व गौरैया दिवस 2023 की थीम ‘आई लव स्पैरो’ (I Love Sparrow) रखी गई है. विश्व गौरैया दिवस की थीम हर साल चेंज नहीं की जाती है. विश्व गौरैया दिवस की थीम 2010 से निर्धारित है और इनकी थीम को कभी बदला नहीं गया है.
क्यों जरूरी है मनाना : कैसे करें गौरैया का संरक्षण?
- गौरैया के लिए घर की छत, बाउंड्री या खुले आंगन में उनके लिए साफ पानी और दाने रखें। सिर्फ गर्मी नहीं बल्कि हर मौसम में आपको उनके लिए पानी और दाने की सुविधा प्रदान करनी चाहिए.
- अगर आपके घर में गौरैया घोसला बनाती हैं तो आपको उनके लिए घोसले की सुविधा प्रदान करनी चाहिए.
- अगर आपके घर के अंदर गौरैया आती है तो पंखा या कूलर बंद रखें.
- नायलॉन (nylon) या चीनी मांझे का इस्तेमाल न करें, ताकि इससे गौरैया या अन्य पक्षियों को चोट न लगें.
- ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाएं ताकि गौरैया और अन्य पक्षी सुरक्षित रहें और उनकी प्रजाति विलुप्त न हो.
- कार्बन फूट्रिंट को कम करने की कोशिश करें, जिससे ग्लोबल वार्मिंग कम हो और गर्मी के कारण पक्षी ना मरें.