भारत का संविधान किसी भी भाषा को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं देता है. लेकिन देवनागरी लिपि में हिंदी अनुच्छेद 343 के अनुसार भारत में केंद्र सरकार और संघ की आधिकारिक भाषा है. हिंदी इंडो-आर्यन भाषा अंग्रेजी और मंदारिन चीनी के बाद विश्व स्तर पर सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है. कई रिपोर्ट्स क मानें तो दुनिया भर में 600 मिलियन लोग एक दूसरे संचार करने के लिए हिंदी भाषा का प्रयोग माध्यम के रूप में करते हैं.
कब मनाया जाता है हिंदी दिवस
हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाने के उपलक्ष्य में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है. जिसे हिंदी दिवस के रूप में भी जाना जाता है.
भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 को देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया. आधिकारिक तौर पर पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर, 1953 को मनाया गया था. हिंदी को आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाने के पीछे का कारण अनेक भाषाओं वाले राष्ट्र में प्रशासन को सरल बनाना था. हिंदी को राजभाषा के रूप में अपनाने के लिए कई लेखकों, कवियों और कार्यकर्ताओं की तरफ से भी प्रयास किया गया था.
महत्व
हिंदी दिवस को मनाने के पीछे एक कारण यह है कि देश में अंग्रेजी भाषा के बढ़ते चलन और हिंदी की उपेक्षा को रोकना है. आपको बता दें कि महात्मा गांधी ने हिंदी को जन-जन की भाषा भी कहा था. हिंदी दिवस के दिन पूरे देश में कई साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें लोग हिंदी साहित्य के महान कार्यों का जश्न मनाते हैं.
राजभाषा कीर्ति पुरस्कार और राजभाषा गौरव पुरस्कार भी हिंदी दिवस पर मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू), राष्ट्रीयकृत बैंकों और नागरिकों को उनके योगदान व हिंदी को बढ़ावा देने के लिए दिए जाते हैं. 14 सितंबर को स्कूलों और कॉलेजों में भी हिंदी दिवस के महत्व को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.