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आज स्थापना दिवस: अटल-आडवाणी युग से शुरू हुई भाजपा के ‘शिखर’ पर पहुंचने का ऐसा रहा 42 बरस का सफर

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आज बात शुरू करेंगे राजनीतिक पार्टी की. लेकिन उससे पहले साल 1975 में डायरेक्टर यश चोपड़ा निर्देशित फिल्म ‘दीवार’ आई थी. फिल्म में नायक अमिताभ बच्चन का संवाद ‘आज खुश तो बहुत होंगे’ देशभर में चर्चित हुआ था. ऐसे ही भारतीय जनता पार्टी आज बहुत खुश है. इसकी वजह हम आपको बताने जा रहे हैं अभी पिछले महीने संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में से चार राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में भाजपा ने प्रचंड जीत के साथ अपनी सत्ता बरकरार रखी है. दूसरी भाजपा के राज्यसभा (उच्च सदन) में भी सदस्यों की संख्या पिछले दिनों से पार हो गई है. यानी अब लोकसभा के साथ राज्यसभा में भी भाजपा का दबदबा हो गया है.

भाजपा का पूरे देश में राजनीति के मैदान में ग्राफ बढ़ता जा रहा है. इसके साथ पार्टी में सब कुछ ठीक चल रहा है. आज भारतीय जनता पार्टी अपना स्थापना दिवस मना रही है. 6 अप्रैल 1980 को स्थापित पार्टी आज 42 बरस की हो गई. अटल, आडवाणी युग से शुरू हुई पार्टी आज मोदी-शाह के युग में राजनीति के शिखर पर विराजमान है. बता दें कि 1980 में आज के ही दिन जनता पार्टी से अलग होकर जनसंघ से जुड़े नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी नाम से नया संगठन बनाया. अटल बिहारी वाजपेयी इसके पहले अध्यक्ष बने. 1984 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सिर्फ दो सीटें जीत पाई. 1989 में उसके पास 85 सीटें थीं. 1991 में ये बढ़कर 120 हो गईं. 1996 में बीजेपी ने 161 सीटें जीतीं और लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनी. 2014 में पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 282 सीटें जीतीं. इसके बाद 2019 में 303 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया.

स्थापना के 16 साल बाद केंद्र की सत्ता पर विराजमान होने की हुई शुरुआत–

6 अप्रैल 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की गई थी. 16 साल में ही ही अटल-आडवाणी के करिश्माई जादू की वजह से भाजपा केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई. बता दें कि 1996 में बीजेपी ने 161 सीटें जीतीं और लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने, पर बहुमत नहीं होने से 13 दिन में ही सरकार गिर गई. 1998 के मध्यावधि चुनावों में भाजपा ने सहयोगी दलों के साथ एनडीए बनाया और सत्ता में आई. 1999 में अन्नाद्रमुक ने समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिर गई. अक्टूबर-1999 में एनडीए ने 303 सीटें जीतीं और स्पष्ट बहुमत हासिल किया. भाजपा 183 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी.

2004 में वाजपेयी के नेतृत्व में इंडिया शाइनिंग का नारा दिया गया, पर चला नहीं और कांग्रेस के 222 की तुलना में उसे 186 सीटें ही मिलीं. 2009 में भाजपा की सीटें घटकर 116 रह गईं. 2014 में भाजपा ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 282 सीटें जीतीं और 543 में से एनडीए ने 336 सीटों पर जीत हासिल की. मोदी 26 मई 2014 को देश के 15वें प्रधानमंत्री बने। 1984 के बाद पहली बार किसी पार्टी को लोकसभा में बहुमत मिला था. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने 2019 में 303 सीटों पर जीत हासिल की और इतिहास रच दिया.

–शंभू नाथ गौतम

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