साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए जल्द ही गृह मंत्रालय तंत्र विकसित करने जा रहा है। साइबर फ्रॉड के संबंध में शिकायत होते ही ठगों के फोन नंबर स्वत: ब्लॉक हो जाएंगे। इसके लिए सभी प्रदेशों की पुलिस पोर्टल को ऐसे मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट आदि उपलब्ध करा रही है। ऐसी जानकारियां उपलब्ध कराने में उत्तराखंड पुलिस 3400 शिकायतों के साथ पूरे देश में चौथे स्थान पर है।
गृह मंत्रालय की ओर से ‘साइबर सेफ’ नाम का पोर्टल विकसित किया जा रहा है। इस पोर्टल पर सभी थाने, साइबर थाने और एसटीएफ अपनी आईडी से एक्सेस कर सकते हैं। अभी इसमें ऑफलाइन शिकायतों का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है। अभी तक उत्तराखंड पुलिस 3400 शिकायतें इस पोर्टल के लिए भेज चुकी है। इनमें 2600 शिकायतें सिर्फ साइबर थाने से भेजी गई हैं।
जल्द ही यह पोर्टल ऑनलाइन होने जा रहा है। इस पोर्टल के ऑनलाइन होने के बाद जैसे ही कोई साइबर ठगी का मामला होता है तो इस पोर्टल पर ठगों का वह नंबर जिससे कॉल की गई है को अपलोड किया जाएगा। पोर्टल पर नंबर अपलोड होते ही यह स्वत: ब्लॉक हो जाएगा। इसी तरह जिस खाते में रकम पहुंची है, वह खाता भी स्वत: फ्रीज हो जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि इससे निश्चित रूप से साइबर ठगी पर अंकुश लग सकेगा।
ऐसे लगेगा अंकुश
इस प्रक्रिया को इससे समझा जा सकता है कि यदि कोई ठग किसी नंबर से एक व्यक्ति को कॉल कर उसे शिकार बनाता है। इसके बाद वह व्यक्ति कुछ देर में ही शिकायत कर देता है तो ठग उस नंबर से फिर किसी और को फोन नहीं कर सकता है। ऐसा जल्दी जल्दी होने पर फर्जी नंबरों पर भी लगाम लग सकेगा। इसी तरह बैंक खाते भी जब लगातार फ्रीज होंगे तो ठगों के नेटवर्क को तोड़ा जा सकता है।