जोशीमठ नगर में हुए भू-धंसाव को तीन महीने बीत गए हैं। उस वक्त नगर में देश की कई वैज्ञानिक संस्थाओं की टीमों ने भू-सर्वेक्षण किया था लेकिन वैज्ञानिकों की रिपोर्ट का अभी तक अता पता नहीं है। प्रभावितों को उनकी रिपोर्ट का इंतजार है।
उन्होंने सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की। बता दे जोशीमठ में आपदा के समय देश की आठ वैज्ञानिक संस्थाओं की टीम ने सर्वे किया था। कई दिनों तक वैज्ञानिक मशीनों को लेकर क्षेत्र का निरीक्षण करते रहे लेकिन वैज्ञानिकों की इन रिपोर्ट का क्या हुआ कुछ पता नहीं।
आपदा प्रभावित दिगंबर बिष्ट का कहना है कि आपदा के तीन माह बाद भी भू-धंसाव को लेकर वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। रिपोर्ट से यह पता चल जाएगा कि जोशीमठ का कौन सा क्षेत्र सुरक्षित है और कौन असुरक्षित है तो लोग उसी हिसाब से अपनी योजना बनाएंगे।
मकान का मुआवजा तो मिल गया है, लेकिन मकान कहां बनाएं यह तभी तय कर पाएंगे जब सर्वे रिपोर्ट आएगी। जमीन का अभी तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। लोग आज भी शिविरों में रह रहे हैं। दीपक रावत का कहना है कि नगर में किराए के भवन नहीं मिल रहे हैं। जमीन का भुगतान नहीं होने से वे गेस्ट हाउस में ही रह रहे हैं।