जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में बुधवार को एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई. इस मामले में सजा सुनाने वाले जज को सरकार सुरक्षा दे सकती है. अधिकारियों ने जानकारी दी है कि यह सुरक्षा खतरे के आकलन पर आधारित होगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार की तरफ से नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के जज प्रवीण सिंह को कड़ी सुरक्षा दिए जाने की संभावनाएं हैं. बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को मलिक को उम्रकैद की सजा का ऐलान किया था.
पहले कश्मी में आतंकवादियों ने सत्र न्यायाधीश नीलकंठ गंजू की गोली मारकर हत्या कर दी थी. गंजू ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के नेता मकबूल भट्ट को मौत की सजा दी थी. हालांकि, बाद में गुरु और भट्ट दोनों को फांसी दे दी गई थी.