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शिवालिक की पहाड़ियों पर है ये मंदिर, युद्ध के बाद यहां पांडवों ने की थी शिव आराधना

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यमुनानगर की शिवालिक की पहाड़ी पर बने शिव मंदिर का संबंध महाभारत से माना जाता है। मान्यता है कि युद्ध के बाद पांडवों ने यहां शिवजी की आराधना की थी। इस मंदिर को जाने वाले 2 किमी लंबे रास्ते की चढ़ाई एकदम तीखी है।यमुनानगर के गांव झंडा की उत्तरी दिशा में शिवालिक की पहाड़ी पर एक ऐसा शिव मंदिर है जिसका महाभारत से संबंध बताया जाता है। कहा जाता है महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों द्वारा इस जगह पर शिवजी की आराधना की गई थी। शिव मंदिर की देखरेख करने वाली साध्वी माता जी ने बताया कि इस मंदिर में स्वयंभू प्राकृतिक शिवलिंग स्थापित है।

गांव झंडा से इस मंदिर को जाने वाले 2 किमी लंबे रास्ते की चढ़ाई एकदम खड़ी है। इस कठिन रास्ते को तय करने के बाद पहाड़ी की चोटी पर शिव मंदिर के दर्शन होते हैं। मंदिर कमेटी के प्रधान रमेश बिट्टू ने बताया कि मंदिर को भव्य स्वरूप प्रदान करने के अलावा यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दानी सज्जनों के सहयोग से कई निर्माण किए गए हैं।

यज्ञशाला, काली माता मंदिर, भैरों मंदिर, हनुमान मंदिर, पार्किंग, विश्राम स्थल, पेयजल, शौचालयों व भंडारा गृह का निर्माण किया गया है। वैसे तो मंदिर में रोजाना ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। लेकिन सावन मास के दौरान यहां पूजा करने वालों का तांता लगा रहता है।

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