अक्टूबर महीने का आज आखिरी दिन है और कल 1 नवंबर की शुरुआत के साथ ही न सिर्फ महीना बदल जाएगा, बल्कि आपके वित्तीय जिंदगी से जुड़े कई नियमों में भी बदलाव होगा. बात चाहे बीमा पॉलिसी खरीदने की हो या हर महीने आने वाले एलपीजी सिलेंडर की, इन सभी सुविधाओं को और पारदर्शी व आसान बनाने के लिए कई बदलाव किए जा रहे हैं. इसका आपकी जेब और जीवन पर भी सीधा असर पडे़गा.
ओटीपी से मिलेगा रसोई गैस सिलेंडर, दाम भी बदलेंगे
हर महीने की पहली तारीख को तेल विपणन कंपनियां रसोई गैस की कीमतों की समीक्षा करती हैं और अगर जरूरत हुई तो उसमें बदलाव भी किया जाता है. संभव है कि कल रसोई गैस की कीमतों में एक बार फिर बदलाव किया जाए. इसके अलावा अब सिलेंडर की बुकिंग पर आपके पास ओटीपी आएगा और डिलीवरी के समय इस ओटीपी को देना होगा, तभी आपको रसोई गैस सिलेंडर दी जाएगी.
सभी बीमा के लिए केवाईसी अनिवार्य
1 नवंबर से सभी तरह की बीमा पॉलिसी के लिए केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया जाएगा. इरडा के निर्देशानुसार, अब चाहे जीवन बीमा पॉलिसी हो या जनरल इंश्योरेंस, सभी के लिए ग्राहकों को केवाईसी कराना जरूरी होगा. अभी तक सिर्फ जीवन बीमा पॉलिसी के लिए ही केवाईसी जरूरी होता था. अब स्वास्थ्य और वाहन बीमा के लिए भी केवाईसी कराना होगा. अभी तक 1 लाख रुपये से ज्यादा के क्लेम के लिए ही कंपनियां इसमें केवाईसी कराती थीं. अब सभी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है.
पीएम किसान योजना का भी नियम बदला
केंद्र सरकार की सबसे सफल योजनाओं में से एक पीएम किसान योजना के नियमों में भी कल से बदलाव किया जा रहा है. नए नियम के तहत अब लाभार्थी पीएम किसान पोर्टल पर सिर्फ अपने आधार के जरिये ही स्टेटस नहीं चेक कर पाएंगे. इसके लिए अब उन्हें रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भी देना होगा.
जीएसटी रिटर्न के लिए कोड जरूरी
देश के लाखों कारोबारियों के लिए जीएसटी नियमों में भी कल से बदलाव होने जा रहा है. अब 5 करोड़ से कम के टर्नओवर वाले करदाताओं को भी रिटर्न भरते समय चार अंकों का एचएसएन कोड देना अनिवार्य होगा. पहले यह कोड दो अंकों का होता था. इससे पहले 1 अगस्त से 5 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले करदाताओं के लिए छह अंकों का कोड डालना जरूरी किया गया था.
एम्स की ओपीडी में मुफ्त इलाज
देश के हजारों मरीजों को कल से बड़ी सुविधा दी जा रही है. एम्स में अब ओपीडी का पर्चा कटवाने पर लगने वाले 10 रुपये के शुल्क को 1 नवंबर से खत्म कर दिया जाएगा. इसके अलावा सुविधा शुल्क के नाम पर वसूले जा रहे 300 रुपये को भी खत्म कर दिया गया है.