समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां ने रामपुर के तोपखाना स्थित दारूल अवाम पर कार्यकर्ताओं की बैठक ली. इसमें उन्होंने कहा कि ‘हमने कभी किसी के साथ धर्म और जाति के नाम पर कोई फर्क नहीं किया. किसी के साथ ज्यादती नहीं की. मालूम नहीं कौन भाजपा, बसपा, कांग्रेस का है. कांग्रेस वालों से तो लड़ाई नहीं थी, लेकिन भाजपा वालों के साथ कल भी अदावत थी, आज भी अदावत है और मरने के बाद हमारी कब्र की भी अदावत रहेगी. वो भी उसूलों की बुनियाद पर. हमारी कोई निजी लड़ाई नहीं है. इसलिए, हमारे आपस के रिश्तों में कोई खटास नहीं आनी चाहिए. जात और धर्म की बुनियाद पर कोई फर्क नहीं होना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि रामपुर को न सिर्फ हम दुनिया के नक्शे पर लेकर आए हैं. बल्कि, पूरी दुनिया जानती है कि रामपुर के साथ बहुत जुल्म हुआ है. हम सिर्फ एक बार विधानसभा में शपथ ग्रहण के लिए गए थे. वहां भाजपा के वजीरों और एमएलए के सिर नहीं उठ रहे थे. उन्हें मालूम था कि वो मुझसे आंख नहीं मिला सकते. हम पर सिर्फ एक ही जुल्म रह गया था कि बची हुई जान निकाल लें. उन्होंने कहा कि हमने सुना है कि यहां लोग शम्सी और गैर शम्सी का सवाल उठा रहे हैं. हमें कब से ये शम्सी वोट दे रहे हैं, क्या-क्या नहीं सहा है इन्होंने.