केंद्र सरकार ने वर्षों से घाटे में चल रहीं कई कंपनियों को साल 2020 में बंद करने का फैसला लिया. जिन कंपनियों को सरकार ने बंद करने का फैसला लिया, उनमें से कुछ कंपनियों के कुछ साल पहले तक बड़ा नाम और बड़ा कारोबार था. साल 2020 में सरकार ने ऐसी 6 कंपनियों को बंद करने का ऐलान किया
दरअसल, केंद्र सरकार विनिवेश के मोर्चे पर तेजी से आगे बढ़ रही है. चालू वित्त वर्ष के दौरान 2.10 लाख करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि विनिवेश से जुटाने का लक्ष्य रखा है.
सरकार पब्लिक सेक्टर कंपनियों के विनिवेश के जरिए 1.20 लाख करोड़ रुपये जुटाएगी. वहीं, वित्तीय संस्थाओं की हिस्सेदारी की बिक्री के जरिए अन्य 90,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे.
सरकार ने संसद में बताया था कि 20 कंपनियों (CPSEs) और उनकी यूनिट्स में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी है. वहीं वित्त मंत्रालय ने बताया था कि 6 सरकारी कंपनियां (CPSE) को बंद करने फैसला लिया गया है. जिन सरकारी कंपनियों को बंद करने/मुकदमेबाजी पर विचार किया गया, उनमें हिंदुस्तान फ्लूरोकार्बन लिमिटेड (HFL), स्कूटर्स इंडिया, भारत पम्प्स एंड कम्प्रेसर्स लिमिटेड, हिंदुस्तान प्रीफैब, हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट और कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड शामिल हैं.