पूरे देश भर में हर रोज ढाई लाख से अधिक रिकार्ड तोड़ कोरोना के संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं । महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़, राजस्थान और बिहार के बाद बंगाल वासियों में कोरोना का खौफ साफ दिखाई दे रहा है ।
पश्चिम बंगाल में भी इसकी रफ्तार तेज हो चुकी है। यहां रविवार को 8,419 संक्रमित मिले। इनमें से अकेले कोलकाता में ही 2,197 मरीज मिले हैं। ‘बंगाल में चुनावी रैलियों में उमड़ने वाली भीड़ को लेकर भी लोग सोशल मीडिया पर सभी राजनीतिक दलों पर तमाम प्रकार की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं, उनकी मांग है कि इन चुनावी सभाओं को तत्काल रद कर देना चाहिए’।
बता दें कि ‘अब इस राज्य की जनता किसी भी राजनीतिक पार्टियों की चुनावी जनसभाएं नहीं चाहती हैं बल्कि इस महामारी से निपटने के लिए केंद्र और ममता सरकार से क्या-क्या इंतजाम किए जा रहे हैं, जानना चाहती है’ । सही मायने में अब राज्य के लोगों को नेताओं के चुनावी वायदे और घोषणा पसंद नहीं आ रही हैं, बंगाल की जनता अब अपनी सुरक्षा और अस्पतालों में क्या व्यवस्थाएं हैं, वह बताया जाए।
वहीं अभी तक टीएमसी और भाजपा के बीच प्रचार के दौरान तमाम मुद्दों पर जुबानी जंग हुई है। अब महामारी को लेकर दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर निशाना साधने लगी है । यानी बंगाल में बचे तीन चरण के चुनावों में ममता बनर्जी और पीएम मोदी के बीच कोरोना के इंतजामों को लेकर ही सियासी महाजंग शुरू हो चुकी है ।
‘ममता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरोना वायरस की दूसरी लहर को संभाल नहीं पाने के कारण इस्तीफा दे देना चाहिए’। ममता ने कहा कि कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के लिए प्रधानमंत्री मोदी को इस्तीफा देना होगा। मौजूदा हालात के लिए वही जिम्मेदार हैं। ‘दीदी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोई प्रशासनिक योजना नहीं बनाई। और गुजरात के हालात तो देखिए।
बीजेपी गुजरात में भी कोविड-19 के हालात को संभाल नहीं पाई और पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश को इस स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया हैै’। ममता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले पांच-छह महीने में मेडिकल ऑक्सीजन और टीकों की आपूर्ति के संभावित संकट पर ध्यान देने के लिए कुछ नहीं किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि अपने देश में टीकों की कमी के बावजूद प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि चमकाने के लिए दूसरे देशों को टीकों का निर्यात किया। बता दें कि पश्चिम बंगाल में 22 अप्रैल को छठवें चरण में 43 सीटों पर मतदान होगा। इसके बाद सातवें चरण में 26 अप्रैल को 36 सीट और 29 अप्रैल को आठवें चरण में 35 सीटों पर वोटिंग होनी है। वोटों की गिनती 2 मई को होगी।