वर्षा के बाद भी भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। पहाड़ियों पर तेज धूप पड़ते ही वह दरकने लगी हैं। वहीं, मौसम विभाग के अनुसार फिर वर्षा होने की संभावना है। ऐसे में लोग दहशत में हैं। ग्रामीणों ने कहा कि उनकी सुध कोई नहीं ले रहा है। दोफाड़ क्षेत्र के नाघर गांव के नीचे भूस्खलन हो रहा है। जिससे ग्रामीणों की रात की नींद हराम हो गई है।
ग्रामीण चंद्रभान सिंह रौतेला का मकान खतरे की जद में आ गया है। उन्होंने कहा कि राजस्व पुलिस को सूचना दी गई है। लेकिन अब तक कोई निरीक्षण करने नहीं आया है। भूस्खलन से गांव को भी खतरा है। इसके अलावा बागेश्वर-धरमघर और पपों-रतराइस मोटर मार्ग भी खतरे की जद में है। गांव में जमीन भसक रही है। इसकी चपेट में गांव भी आ रहे हैं, जिसको देखते हुए लोगों को अब प्रशासन के एक्शन का इंतजार है।
ग्रामीण मनोज गोस्वामी, सुंदर सिंह, भाष्कर सिंह, हरीश बिष्ट ने कहा कि यदि समय रहते प्रशासन आपदा प्रबंधन के लिए नहीं चेता तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है। उन्होंने जिला प्रशासन से निरीक्षण करने और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है। लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते यहां रहने वाले लोगों में डर का माहौल है।
उधर, कपकोट क्षेत्र के कुंवारी में भूस्खलन का सिलसिला जारी है। पत्थर और मलबा शंभू नदी की तरफ जमा हो रहा है। जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि राजस्व पुलिस को जिलाधिकारी ने दिशा-निर्देश दिए हैं। राजस्व विभाग नुकसान का आकलन कर रहा है।