ओ हिमाचल तुम बहुत खूबसूरत हो । इस राज्य का नाम आते ही मन खिल उठता है । प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह प्रदेश दुनिया भर के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है । बड़े शहरों में शोरगुल और प्रदूषण से निकलकर लोग हिमाचल की बर्फ और हरी-भरी वादियों में खो जाते हैं ।
पश्चिमी हिमालय की गोद में बसा यह पहाड़ों व नदियों से घिरा है। ये राज्य रावी, चेनाब, ब्यास, यमुना व सतलुज जैसी बड़ी नदियों का मूल क्षेत्र है। जो यहां एक बार आ जाता है वह बार-बार आता है ।
आज 15 अप्रैल है । खूबसूरती से भरपूर हिमाचल बहुत खुश है । क्योंकि आज ही हिमाचल अपना स्थापना दिवस भी धूमधाम के साथ मना रहा है । कोरोना महामारी की वजह से आज बड़े आयोजन तो नहीं होंगे लेकिन हिमाचल वासी सुबह से ही अपने प्यारे प्रदेश को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने में लगे हुए हैं ।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी को हिमाचल प्रदेश से बहुत ही गहरा लगाव रहा है । इंदिरा जी और अटल जी प्रधानमंत्री रहते हुए भी जब जब फुर्सत मिलती थी तब यहां की वादियों में खो जाते थे । आइए हिमाचल प्रदेश राज्य का गठन किस प्रकार और कैसे हुआ है, जानते हैं ।
यहां हम आपको बता दें कि 15 अप्रैल 1948 को 30 रियासतों को मिलाकर हिमाचल राज्य का गठन हुआ। तब इसे मंडी, महासू, चंबा और सिरमौर चार जिलों में बांट कर प्रशासनिक कार्यभार एक मुख्य आयुक्त को सौंपा गया। बाद में इसे पार्ट-सी कैटेगरी का राज्य बनाया गया। उस समय हिमाचल प्रदेश का क्षेत्रफल 10,451 वर्ग मील और जनसंख्या 9,83,367 थी।
उसके बाद वर्ष 1966 में ‘पंजाब स्टेट्स पुनर्गठन एक्ट’ पास किया गया और कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, शिमला, नालागढ़, कंडाघाट, डलहौजी आदि क्षेत्र हिमाचल में शामिल किए गए। इससे हिमाचल का क्षेत्रफल 55,673 वर्ग किलोमीटर हो गया। इसके बाद भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषायी पुनर्मिलन हो गया । 1971 को हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।
25 जनवरी का दिन हिमाचल के लोगों के लिए एक यादगार दिवस है। वर्ष 1971 में इसी दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से हजारों प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए हिमाचल को पूर्ण राज्यत्व का दर्जा प्रदान किया था। जब यह घोषणा की गई तो रिज मैदान पर बर्फ की फाहें गिर रही थीं। इसके साथ हिमाचल भारतीय गणतंत्र का 18वां राज्य बना था।
उसके बाद हिमाचल विकास की ओर बढ़ता रहा । तब से लेकर इस राज्य में कई विकास कार्य हुए हैं लेकिन अभी भी यह प्रदेश कई चुनौतियों का सामना भी कर रहा है । बिजली उत्पादन में यह देश का अग्रणी राज्य माना जाता है । यहां की बिजली से ही कई राज्य रोशन भी होते हैं ।