फटी जींस का मसला एक बार फिर सामने आ रहा है. बता दें कि इस बयान पर काफी आलोचना झेलने वाले गढ़वाल सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने पुराने बयान पर कायम हैं. उनका कहना है कि फटा हुआ कपड़ा कभी भी हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं रहा है.
मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए तीरथ सिंह रावत ने मार्च 2021 में बाल संरक्षण अधिकार आयोग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बयान दिया था कि आजकल के बच्चे बाजार में घुटनों पर फटी जींस खरीदने जाते हैं. रविवार को श्रीनगर में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे रावत ने एक बार फिर फटी जींस का मसला उठाया.
उन्होंने कहा कि विदेशी लोग हमारी संस्कृति को अपना रहे हैं और हम पाश्चात्य संस्कृति का अंधा अनुकरण करते हुए फटी जींस पहन रहे हैं. कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वह फटी जींस संबंधी अपने पुराने बयान पर कायम हैं. मैं गौरान्वित महसूस करता हूं कि लाखों लोगों ने इसे स्वीकारा है.
उन्होंने कहा कि जब हम स्कूल-कॉलेज जाते थे, तो हम भी जींस पहनते थे. यदि कभी घुटना फट गया, तो उस पर पैच लगाते थे. गुरुजी का डर होता था. साथ ही अनुशासन, संस्कार व संस्कृति इसकी इजाजत नहीं देती है, लेकिन आज यह स्थिति है कि जींस फटी नहीं है, तो नौजवान इस पर कैंची चला देते हैं. उन्होंने कहा कि जींस का विरोध नहीं है, बल्कि फटी जींस का विरोध है. फटा कपड़ा हमारी संस्कृति का द्योतक नहीं है. पूरा शरीर ढकना हमारी संस्कृति में है.