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किसानों की ये दो मांगें मान गई सरकार- पराली जलाना जुर्म नहीं, बिजली बिल भी वापस, जानें 5 घंटे की लंबी बातचीत में और क्या हुआ

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कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच सरकार और किसान यूनियनों के बीतचीत में सकारात्मक पहल देखने को मिल रहे हैं। किसानों के कई प्रस्ताव में से दो प्रस्तावों पर मोदी सरकार ने अपनी सहमति जता दी है। किसानों और सरकार के बीच छठे दौर की बातचीत में बिजली बिल के मसले को सुलझा लिया गया है और अब पराली जलाना भी जुर्म नहीं होगा। करीब 5 घंटे चली बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि पर्यावरण अध्यादेश पर सहमति बन गई है और ऐसे में अब पराली जलाना जुर्म नहीं होगा और बिजली बिल का मसला भी सुलझ गया है।

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक,  सरकार ने बुधवार को एमएसपी खरीद प्रणाली के बेहतर क्रियान्वयन पर एक समिति गठित करने की पेशकश की और विद्युत शुल्क (बिजली बिल) पर प्रस्तावित कानूनों और पराली जलाने से संबंधित प्रावधानों को स्थगित रखने पर सहमति जताई, मगर किसान संगठनों के नेता पांच घंटे से अधिक समय तक चली छठे दौर की वार्ता में तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की अपनी मुख्य मांग पर अड़े रहे। अब चार जनवरी को फिर से वार्ता होगी।

कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच सरकार और किसान यूनियनों के बीतचीत में सकारात्मक पहल देखने को मिल रहे हैं। किसानों के कई प्रस्ताव में से दो प्रस्तावों पर मोदी सरकार ने अपनी सहमति जता दी है। किसानों और सरकार के बीच छठे दौर की बातचीत में बिजली बिल के मसले को सुलझा लिया गया है और अब पराली जलाना भी जुर्म नहीं होगा। करीब 5 घंटे चली बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि पर्यावरण अध्यादेश पर सहमति बन गई है और ऐसे में अब पराली जलाना जुर्म नहीं होगा और बिजली बिल का मसला भी सुलझ गया है।

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक,  सरकार ने बुधवार को एमएसपी खरीद प्रणाली के बेहतर क्रियान्वयन पर एक समिति गठित करने की पेशकश की और विद्युत शुल्क (बिजली बिल) पर प्रस्तावित कानूनों और पराली जलाने से संबंधित प्रावधानों को स्थगित रखने पर सहमति जताई, मगर किसान संगठनों के नेता पांच घंटे से अधिक समय तक चली छठे दौर की वार्ता में तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की अपनी मुख्य मांग पर अड़े रहे। अब चार जनवरी को फिर से वार्ता होगी।

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