कोटद्वार में मालन नदी पर बना पुल विभागों की आपसी खींचतान में टूट गया। बीते वर्ष शासन के निर्देश पर कराए गए पुलों के सेफ्टी ऑडिट में इस पुल की मरम्मत और सुरक्षा कार्य कराने की जरूरत बताई गई थी। लेकिन बजट न मिलने से जो काम होने थे वो नहीं हुए और अब नतीजा सबके सामने है।
बीते वर्ष 2022 अक्तूबर में शासन की ओर से पुलों के सेफ्टी ऑडिट के निर्देश दिए गए थे। दिसंबर में लोनिवि ने सेफ्टी ऑडिट संबंधी रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी। शासन की ओर से इनमें से कुछ पुलों को पूरी तरह से बंद करने, जबकि कुछ की मरम्मत की जरूरत बताई गई थी। शासन के सूत्रों की मानें तो कोटद्वार में मालन नदी पर बने पुल का सेफ्टी ऑडिट आईआईटी बीएचयू बनारस की ओर से किया गया था।
संस्थान ने पुल को खतरा बताते हुए सुरक्षा कार्य करने की जरूरत बताई थी। इस पर लोनिवि की ओर से इस पुल की मरम्मत के लिए चार करोड़ 44 लाख 93 हजार रुपये का इस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा गया था। लोनिवि की ओर से यह पैसा राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि (एसडीएमएफ) में मांगा गया था।
लेकिन आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने इस प्रस्ताव को यह कहकर अस्वीकार कर दिया कि मानकों के अनुसार, पुलों की मरम्मत के लिए एसडीएमएफ में पैसा नहीं दिया जा सकता है। फिर तब से अब तक कुछ नहीं हुआ और बृहस्पतिवार को पुल का एक हिस्सा ढह गया।