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रामेश्वरम यात्रा के अंतिम पड़ाव पर हुआ हादसा, 17 अगस्त को हुई थी रवानगी

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मदुरै रेल हादसे के लिए सभी यात्री 17 अगस्त को रवाना हुए थे। सीतापुर की भसीन टूर एंड ट्रैवेल्स कंपनी से लोगों ने चार धाम की यात्रा के लिए पैकेज के तहत बुकिंग कराई थी। यात्रा के शेड्यूल के मुताबिक 17 अगस्त को शाम 4 बजकर 20 मिनट पर ट्रेन लखनऊ से विजयवाड़ा के लिए चली थी।

यह ट्रेन रात 8 बजकर 40 मिनट पर विजयवाड़ा पहुंची। यहां यात्रियों ने रात्रि विश्राम किया। इसके बाद बस से मल्लिकार्जुन (श्री शैलम ज्योतिर्लिंग) पहुंचे। वहां दर्शन के बाद सभी ने रात्रि विश्राम किया। 20 अगस्त को दोपहर 1 बजे विजयवाड़ा से सभी यात्री ट्रेन में सवार हुए। ट्रेन रात 8 बजकर 40 मिनट पर रेनीगुंटा पहुंची। यहां सभी ने रात्रि विश्राम किया।

इसके बाद सभी यात्री 21 अगस्त को बस से तिरुपति बालाजी गए। वहां सभी ने तिरुपति बालाजी का दर्शन किया। 21 अगस्त को सभी यात्री रेनीगुंटा से मैसूर गए। वहां मैसूर पैलेस, चामुंडा देवी मंदिर, वृंदावन गार्डन का भ्रमण किया। इसी तरह 23 अगस्त का इस्कॉन मंदिर, गणेशन मंदिर, 24 अगस्त को कन्याकुमारी, कोइलम इंटरनेशनल व पद्मनाभम मंदिर के दर्शन किए। इसके बाद ट्रेन मदुरै स्टेशन के लिए रवाना हुई।

यहां से इन लोगों को ट्रेन से उतरकर बस से मीनाक्षी देवी मंदिर रामेश्वरम जाना था। यात्रा 30 अगस्त को चेन्नई होते हुए लखनऊ पहुंचती। यात्रा के अंतिम पड़ाव पर यह हादसा हो गया।

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