राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भावुक होने के बाद कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद की आंखों से भी आंसू निकल आए. पीएम मोदी ने जिस घटना का जिक्र किया था, उसे याद करते हुए गुलाम नबी आजाद ने बताया कि वो एक ऐसा मौका था जब वो चिल्लाकर रोए.
विदाई भाषण में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वो अपने माता-पिता की मौत पर भी चिल्लाकर नहीं रोए थे, लेकिन उनके जीवन में पांच मौके ऐसे आए जब वो फूट-फूटकर रोए. गुलाम नबी ने बताया कि जब संजय गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की मौत हुई तो इन तीनों हादसों पर मैं जोर से चिल्ला-चिल्लाकर रोया. आजाद ने बताया कि ये तीनों मौतें अचानक हुई थीं जिन पर वो जोर से रोए.
गुलाम नबी ने बताया कि अपने माता-पिता की मौत पर मेरी आंखों से आंसू निकले लेकिन मैं चिल्लाकर नहीं रो पाया. उन्होंने बताया कि चौथी बार मैं चिल्लाकर तब रोया जब ओडिशा में था. उस किस्से को याद करते हुए गुलाम नबी ने बताया, ”मैं अपने पिता को लेकर अस्पताल गया था, उन्हें कैंसर था. डॉक्टर ने बोला कि 21 दिन आप कहीं मत जाओ.
इसी बीच मिसेज गांधी (सोनिया गांधी) का शाम को फोन आया और मुझे ओडिशा जाने के लिए बोला. मैं अपने पिता को छोड़कर ओडिशा चला गया. वहां जब मैंने सैकड़ों लाशों को समंदर किनारे तैरते हुए देखा तो मैं चिल्लाकर रोया.”